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क्या आदर्शों के देश में इंसानियत की हो चुकी है अब मौत?

देश में होते अपराधों की दरिंदगी दिन पर दिन ऐसी खबरें देती जा रही हैं जिससे सुनना भी असहनीय होता है। महिलाओं के खिलाफ होते अत्याचार इस हद तक गिर गए हैं जिसका कोई ठिकाना नहीं। बेटियों को लक्ष्मी का दर्जा देने वाले देश में लोग इस हद तक गिर जाते हैं।

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Ayushi Jha
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(Image source: Hindustan Times)

Country Loses Its Humanity 3-Month-Old Baby Girl Raped By Transgender: देश में होते अपराधों की दरिंदगी दिन पर दिन ऐसी खबरें देती जा रही हैं जिससे सुनना भी असहनीय होता है। महिलाओं के खिलाफ होते अत्याचार इस हद तक गिर गए हैं जिसका कोई ठिकाना नहीं। जिस देश में महिला को भगवान का दर्जा दिया जाता है, नवरात्री में जिनको छोटी बच्चियों को कंजक के लिए पूजा जाता है, उनके पैर धुलायें जाते हैं, उसी देश में महिलाओं के खिलाफ होते अपराधों की खबर और अपराध की तीव्रता सुनकर हम सब हैरान होते रहते हैं, हर रोज़। कितनी अजीब बात है ना कि बेटियों को लक्ष्मी का दर्जा देने वाले देश में लोग इस हद तक गिर जाते हैं कि उनके साथ अन्याय करते वक़्त उनके हाथ भी नहीं कांपते। 

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क्या आदर्शों के देश में इंसानियत की हो चुकी है अब मौत?

जिस देश में छोटी बच्चियों को भगवन का रूप माना जाता है, उसी देश में 3 महीने की छोटी बच्ची का रेप कर दिया एक 24 साल के ट्रांसजेंडर ने। कोर्ट के अनुसार यह एक स्पेशल POSCO केस था। ट्रांसजेंडर ने बदले की आड़ में उस बच्ची को उसके घर से किडनैप किया, उसका रेप किया और फिर डूबा कर मार दिया और बॉडी को कीचड़ में फेंक दिया था। तहकीकात पर पता चला कि उसने बदला इसीलिए लिया क्यूंकि उस बच्चे के 2021 में पैदा होने पर, वह उधर बक्शीश और तौफे मांगने गया था। लॉकडाउन और परिवार की आर्थिक स्तिथि ठीक ना होने के कारण बच्चे की माँ और दादी ने उसे बाद में आने को कहाँ। इसी गुस्से की आड़ में अपराधी ने बच्चे को 3 बजे रात में उसके घर से अगवा कर लिया और फिर उसके साथ इस अपराध को अंजाम दिया। सुनने वालों की रूह सिहर जाए।

भारत में किसी भी ख़ुशी के मौके पर आशीर्वाद देने ट्रांसजेंडर को बुलाया जाता है, उनके पैर छुए जाते हैं, हाथ जोड़े जाते हैं, लेकिन इनसब औदे और इज़्ज़त के बाद भी पूरे समाज को नीचे गिरा दिया गया उस अपराधी के द्वारा। हम भारतियों के विश्वास को और संस्कृति और आदर्शों की भी लाज नहीं रखी गयी और सबसे बड़ी बात की उसकी इंसानियत भी जैसे मर चुकी थी। उस बच्ची को बिना किसी गलती के इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। देश इंसानियत की सीख भी भूलते जा रहा है।

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