How Paper Leaks Can Undo Years of Hard Work for Students: बेरोजगारी हमारे देश की एक आम समस्या है। चुनाव के दिनों में आज भी सरकार से युवाओं की मुख्य मांगों में से एक रोजगार होता है। यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि आज भी देश का युवा रोजगार के लिए भीख मांगता है। अब समझने वाली बात यह भी है कि बहुत सारे युवा इसलिए भी बेरोजगार होते हैं क्योंकि वे सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे होते हैं। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों की जिंदगी आसान नहीं होती। इतनी मेहनत के बाद भी यह निश्चित नहीं होता कि उनकी नौकरी लग जाएगी। इसके साथ ही आसपास के लोगों का प्रेशर भी उनके ऊपर बहुत ज्यादा होता है-
कैसे पेपर लीक से बच्चों की कड़ी मेहनत पर पानी फिरता है?
ऐसे में जब कोई विद्यार्थी पेपर लीक की खबर सुनता है तो उसकी सारी कड़ी मेहनत पर पानी फिर जाता है। उसे सब कुछ बिखरता हुआ दिखाई देता है। उम्मीद की आखिरी किरण भी खत्म होती दिखाई देती है। ऐसे में उस विद्यार्थी का मेंटल प्रेशर कोई नहीं समझ सकता है। 2024 में ऐसे कई मामले हुए जहां पर स्टूडेंट की तरफ से प्रोटेस्ट किए गए और पेपर रद्द करने की अपील की गई ।
नीट यूजी 2024 की बात की जाए तो विद्यार्थियों की तरफ से पेपर में गड़बड़ी और पेपर लीक करने के आरोप NTA पर लगाए गए और पेपर दोबारा करवाने की मांग की गई। यह भी कहा गया कि NEET की जिम्मेदारी को NTA से वापस लिया जाए। इसके बाद महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (MPSC) के खिलाफ भी प्रोटेस्ट किए गए। अब 13 दिसंबर 2024 को बिहार परीक्षा आयोग की तरफ CCE का प्री एग्जाम लिया। स्टूडेंट्स की तरफ से पेपर लीक करने के आरोप लगाए गए। ऐसे में स्टूडेंट्स सरकार का विरोध कर रहे हैं।
अभ्यर्थियों के लिए सिर्फ पेपर चिंता का कारण नहीं
इन सभी घटनाओं में नुकसान अभ्यर्थियों का ही होता है। जब कोई युवा सरकारी नौकरी की तैयारी करता है तो उसके पीछे संघर्ष बहुत बड़ा होता है। घर के आर्थिक हालात भी ठीक नहीं होते हैं और कई बार मेंटल सपोर्ट भी नहीं मिलता है। इस बीच में पेपर की तैयारी करना बहुत बड़ी बात होती है। जब इतनी मेहनत के बावजूद, यह सुनने को मिलता है कि पेपर लीक हो गया है या फिर पेपर में कोई गड़बड़ी हो गई है तो ऐसे में उस अभ्यर्थी की हिम्मत टूट जाती है। उसे जिंदगी में कोई और रास्ता दिखाई नहीं देता। जब आप किसी भी कॉम्पिटेटिव एक्जाम की तैयारी करते हैं तो वह 1 महीने या 1 साल की मेहनत नहीं होती है। एक अभ्यर्थी ने अपने जीवन के कई साल खर्च किए होते हैं तो ऐसे में इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और बच्चों की मेहनत का फल उन्हें जरूर मिलना चाहिए।