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पेरेंट्स कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी में कैसे कर सकते हैं सहयोग

इस समय में मां बाप अपने बच्चों का सपोर्ट सिस्टम बने क्योंकि उन्हें इस समय में सबसे ज्यादा सपोर्ट की जरूरत होती है। यह उनकी जिंदगी का ऐसा समय है जब सब दांव पर लगा है। 

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Rajveer Kaur
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Exam (Pinterest)

How can Parents Help in Preparing For Competitive Exams (Image Credit: Pinterest)

How can Parents Help in Preparing For Competitive Exams: भारत में कॉम्पिटेटिव एग्जाम एक साधारण एग्जाम नहीं है। इसके साथ लोगों की भावनाएं और कई सालों मेहनत जुड़ी होती है। इस दौरान बच्चे खाना पीना, सोना भूल जाते हैं। सामने एक चीज दिखाई देती है रैंक। एग्जाम का तनाव बहुत ज्यादा होता है क्योंकि लाखों बच्चे एक एग्जाम को देने के लिए बैठते है और रैंक आता है सिर्फ गिने चुने बच्चों का। इस दौरान पेरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों का साथ दें , ना कि उन्हें ऐसी स्थिति में ज्यादा प्रेशर दे। आज हम बात करेंगे कि कैसे पेरेंट्स बच्चों की तैयारी में साथ दे सकते हैं।

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पेरेंट्स कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी में कैसे कर सकते हैं सहयोग 

सपोर्ट सिस्टम बनें 

इस समय में मां -बाप अपने बच्चों का सपोर्ट सिस्टम बनें क्योंकि उन्हें इस समय सबसे ज्यादा सपोर्ट की जरूरत होती है। यह उनकी जिंदगी का ऐसा समय है जब सब दांव पर लगा है। 

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कंपेयर मत करें

पेरेंट्स बहुत जल्दी बच्चे को दूसरे बच्चों के साथ कंपेयर करने लग जाते हैं कि उसने तो पहले अटेम्प्ट में ही निकाल लिया या तुम एक फेलियर हो। ऐसी नेगेटिव बातें मत कीजिए हर किसी की परिस्थिति एक जैसी नहीं होती।

गाइड बने

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गाइड और डिक्टेट करने में बहुत ज्यादा फर्क होता है  जब बच्चा अपने आप को किसी समस्या में महसूस कर रहा हो तब उसका सारथी बनकर उसे गाइड कीजिए। यह बच्चे के लिए बहुत  मददगार साबित होगा।

ख्याल रखें

कॉम्पिटेटिव एग्जाम की तैयारी के समय बच्चे बहुत ज्यादा सेंसिटिव हो जाते हैं। उन्हें आपकी छोटी सी बात का भी बुरा लग सकता है क्योंकि प्रेशर इतना ज्यादा होता है। ऐसे समय में बच्चों का ज्यादा ख्याल रखें, जरूरत पड़ने पर उन्हें पैंपर भी कीजिए।

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कुछ समय बच्चे का साथ रोज बिताएं 

इस  परिस्थिति में बच्चा आपसे बात करना चाहता है लेकिन कई बार बोल नहीं पाता। अगर बच्चा आपसे दूर रह रहा है तो फोन पर कम से कम 10-15 मिनट बात कीजिए, हाल-चाल पूछिए। अगर वह आपके साथ घर पर है तब उसके साथ बैठिए, चाय पीजिए या उसे थोड़ी देर के लिए कहीं घुमाने ले जाइए।

अपेक्षाऐं कम रखें 

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बच्चे से अपनी एक्सपेक्टेशन बहुत कम रखें क्योंकि इससे उन पर भी प्रेशर बनता है। अगर वे फेल हो जाते है या रैंक कम आता है उस बात का उन्हें तनाव भी हो सकता है। बच्चा फेल भी हो जाएं फिर भी उसका साथ मत छोड़े। 

कॉम्पिटेटिव एग्जाम बच्चों के लिए कठिन समय है। इसमें बच्चे का सहारा और हिम्मत बने क्यूंकि आपसे बेहतर उन्हें कोई नहीं समझ सकता। 

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