How Social Media Affects Life Of Women: आज के समय में सोशल मीडिया एक पावरफुल मीडियम है। आप इसके जरिए अपनी बात लाखों लोगों तक कुछ ही समय में पहुंचा सकते हैं यह किसी के साथ भेदभाव नहीं करता है। अगर आप लगातार मेहनत और क्रिएटिविटी के साथ अपना कंटेंट डाल रहे हैं तो कल आप भी सोशल मीडिया स्टार बन सकते हैं। जब बात महिलाओं की आती है तब सोशल मीडिया दो हिस्सों में बंट जाता है। बहुत सारे लोगों का ऐसा मानना है कि सोशल मीडिया के साथ महिलाओं सशक्त हुई हैं। उन्हें एक ऐसी जगह मिली है जहां पर वह अपने साथ होने वाले अन्याय के विरुद्ध आवाज उठा सकती हैं और अपने साथ ऐसी और महिलाओं को जोड़ सकती हैं। कई बार सोशल मीडिया का उनके ऊपर बुरा प्रभाव भी पड़ता है तो चलिए जानते हैं कि यह पूरा सिलसिला क्या है-
Social Media का दौर आने के बाद महिलाओं की दशा में सुधार या बिगाड़
सोशल मीडिया की पॉजिटिव साइड की बात की जाए तो इसने महिलाओं को सचमुच सशक्त किया है।सोशल मीडिया के आने के बाद महिलाओं को एक ऐसा प्लेटफॉर्म मिला है जहां पर उनकी पहुंच बड़ी आसानी से हो सकती है और वह अपनी बात लाखों लोगों तक पहुंचा सकती हैं। इसके साथ ही जो महिलाएं छोटे-छोटे बिजनेस कर रही हैं जब उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने कारोबार को दिखाना शुरू किया तब उन्हें पैसे के साथ-साथ पहचान भी मिली। इसके साथ गुजारने बहुत सारी महिलाओं की इनकम का साधन भी सोशल मीडिया है। हाल ही में नैंसी त्यागी ने कांस फिल्म फेस्टिवल (Cannes Film Festival) में अपना डेब्यू किया। उन्हें वहां जाने का मौका भी सोशल मीडिया के जरिए ही मिला तो ऐसे हम कह सकते हैं कि सोशल मीडिया से महिलाओं को पहचान मिली है। इसके साथ ही इसमें महिलाओं को आर्थिक आजादी भी दी है और उन्हें सशक्त भी किया है।
बुरे प्रभाव
इसके साथ ही अगर हम इसके नेगेटिव प्रभावों की बात करें तो इससे महिलाओं की मेंटल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। महिलाओं को ऐसा लगने लग जाता है कि कहीं आप पीछे तो नहीं रह रहे हैं। इसके कारण डिप्रेशन और एंजायटी का भी सामना करना पड़ रहा है। सोशल मीडिया के कारण महिलाओं को बॉडी इमेज इश्यूज भी आते हैं। उन्हें लगता है कि हम सुंदर नहीं है। वह अपने दिमाग में परफेक्ट बॉडी इमेज बनाने लग जाती हैं लेकिन रियल में ऐसा कुछ भी नहीं है। इससे उनका कॉन्फिडेंस भी कम होता है। महिलाओं के लिए सबसे बड़ी प्रॉब्लम साइबर बुलीइंग भी है जब लोग उनका मजाक बनाते हैं, गलत बातें बनाते हैं या फिर उनकी गलत फोटो और वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं।
अंत, इन सब के बावजूद भी सोशल मीडिया एक ऐसा स्थान है जहां पर महिलाएं अपने लिए आवाज उठा सकती हैं। ऐसे बहुत सारी फेमिनिस्ट पेज हैं जो महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हैं और अपने साथ अन्य महिलाओं को जोड़ते हैं। हमें इस बात पर जोर देना चाहिए कि हम महिलाओं के लिए सोशल मीडिया पर सेफ प्लेस बनाएं ताकि वहां पर उन्हें किसी चीज की इनसिक्योरिटी या फिर असुरक्षा महसूस न हो।