War affects women Mentally And Physically: कहते है एक जंग बाहर होती है और एक औरतों के सीने पर लड़ी जाती है। जब जब भी कोई दंगे या फिर जंग हुई है तब तब औरतों ने उसे अपने सीने पर सहा है। अब
कैसे जंग महिलाओं पर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभाव डालती है?
Sexual harassment
महिलाओं के साथ सेक्शुअल हर्रासमेंट बहुत होती है। उनके साथ हिंसा होती है और सेक्शूअल अब्यूस किया जाता है। इसके साथ बड़ी तादाद में उनके साथ रेप किया जाता है। गैंग रेप के भी मामले बहुत सामने आते है। ऐसे मामलों में उनके साथ दूसरे ग्रूप के लोग और आर्मी भी करती हैं और सबसे ज़्यादा सहन औरतें करती है।
महिलाएँ विधवा हो जाती है
वार के दौरान महिलाएँ विधवा हो जाती है जिस के बाद उनका हाल कोई नहीं पूछता है। जंग के कारण पहले से भुखमरी, बेरोज़गारी, शेल्टर की कमी हो जाती है। बच्चे भी उनकी ज़िम्मेदारी बन जाते है। ऐसे ही महिलाएँ राहत कैम्प में धक्के खाती नज़र आती है। इसके साथ कई बार उनके बच्चे अपाहिज हो जाते है। ऐसे कठिन समय में उन्हें अपने परिवार की ज़िम्मेदारी सम्भालनी पड़ती है।
पति के जंग पर जाने से पीछे महिलाएँ सम्भालती है
एक जंग उनके पति मैदान में लड़ रहे होते है और एक जंग औरतें पीछे लड़ रही होती है। कई बार महिलाएँ अकेले होती जिसके कारण उनके साथ रेप और टॉर्चर किया जाता है। उनके साथ बार-बार अलग अलग लोगों के द्वारा शारीरिक शोषण किया जाता है।
प्रेगनेंसी में होते है बहुत बुरे हालात
जंग में प्रेगनेंट महिलाएँ बहुत ज़्यादा सहन करती है। UNFPA के मुताबिक़ गाजा में अनुमानित 50,000 गर्भवती महिलाएं वर्तमान में संघर्ष में फंसी हुई हैं, और अराजकता और लड़ाई के बीच हर दिन लगभग 160 महिलाएं बच्चे को जन्म देंगी।उनके मुताबिक़ ऐसी औरतों बहुत सारे चुनौतियाँ का समाना करती है जैसे सुरक्षित डिलिव्री, अस्पताल आदि। अस्पताल भी मरीज़ों से भरे पड़े है।
जंग से महिलाओं मानसिक रुपए सभी बहुत प्रभावित होती हैं उन्हें कोई भी सपोर्ट नहीं मिलता है। सेक्सुअल एब्यूज, हिंसा, रेप, गैंग रेप यह सब उन्हें ट्रामा देते है। इस बीच उनके महिलाओं को सेक्स स्लेव बना लिया जाता है। उनके बच्चों को उनके सामने मर दिया है। उनके पार्टनर जंग में मारे जाते है। उनके ऊपर बहुत सारे बोझ आ जाते जो डिप्रेशन और ट्रामा का कारण बनते हैं। यूनाइटेड नेशन के अनुसार युद्ध, लंबे समय तक संघर्ष, जातीय संघर्ष और राजनीतिक दमन गहरे ट्रामा और मनोवैज्ञानिक समस्याओं को जन्म देते हैं जो संघर्ष और हिंसा के बाद भी बने रहते हैं।