क्या महिलाओं को 'Bad Drivers' लेबल करना सही है?

महिलाओं को अक्सर अच्छा ड्राइवर नहीं माना जाता है। ड्राइविंग के नाम पर उनका मजाक बनाया जाता है। ऐसी सोच के कारण आज भी बहुत सारी महिलाएं ड्राइविंग नहीं सीखती या फिर उन्हें ड्राइविंग सीखने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है।

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Rajveer Kaur
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Image Credit: Freepik

Is the 'Bad Female Driver' Label Fair?: महिलाओं को अक्सर अच्छा ड्राइवर नहीं माना जाता है। ड्राइविंग के नाम पर उनका मजाक बनाया जाता है। ऐसी सोच के कारण आज भी बहुत सारी महिलाएं ड्राइविंग नहीं सीखती या फिर उन्हें ड्राइविंग सीखने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। जब भी सड़क पर कोई दुर्घटना होती है तो आसानी से कह दिया जाता है कि यह गाड़ी औरत ही चला रही होगी। ऐसी बातों का शिकार महिलाएं रोजाना होती हैं। यह भी एक Sexism का ही रूप है जिससे महिलाओं को गुजरना पड़ता है। आज हम जानेंगे कि क्या महिलाओं को बुरा ड्राइवर मानना सही है?

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क्या महिलाओं को 'Bad Drivers' लेबल करना सही है?

महिलाओं को हर जगह सेक्सिज्म का शिकार करना पड़ता है। ऐसी सोच इस बात को दर्शाती है कि कैसे आज भी हम मर्द -प्रधान समाज में रह रहे हैं। यहां पर सिर्फ औरत होने के कारण ही आपकी काबिलियत पर शक किया जाता है या फिर उन्हें अयोग्य बता दिया जाता है। समाज में हमेशा से ही ट्रेडिशनल जेंडर रूल्स के हिसाब से महिलाओं को देखा जाता है कि एक महिला घर पर रहकर खाना बना सकती है, बच्चे की देखभाल कर सकती है। इसके उल्ट घर से बाहर जाकर कुछ भी नहीं कर सकती। आज महिलाओं घर से बाहर निकाल रही हैं, जॉब्स भी कर रही हैं लेकिन फिर भी हमारी सोच नहीं बदली।

बहुत कम महिलाएं होती हैं जिन्हें अपनी ड्राइविंग पर कॉन्फिडेंस होता है क्योंकि हर समय महिलाओं को उनके ड्राइविंग के लिए ताने दिए जाते हैं। रोड पर कोई भी दुर्घटना हो जाती है या फिर अगर महिला से ड्राइविंग के दौरान कोई गलती हो जाती है तो अक्सर उनके जेंडर को बीच में लाया जाता है। ऐसा समझा जाता है कि महिला होने के कारण वह अच्छी ड्राइवर नहीं। हालांकि ड्राइविंग का किसी भी जेंडर के साथ कोई भी लेनादेना नहीं है। ड्राइविंग एक स्किल है जिसे कोई भी सीख सकता है लेकिन हमारे यहां ड्राइविंग को पुरुषों के साथ जोड़ दिया जाता है।

आप अपने आसपास ज्यादातर पुरुष ड्राइवर ही देखेंगे। पुरुषों को महिला ड्राइवर के साथ बैठना भी अच्छा नहीं लगता है। यह बात भी उनकी इगो पर आ जाती है। लोगों की तरफ से उस पुरुष को ताने मिलने लग जाते हैं। ऐसे एटीट्यूड के कारण पुरुष भी महिलाओं को ड्राइविंग के लिए इतना प्रोत्साहित नहीं करते हैं। अगर आप भी ऐसे मजाक पर हंसते हैं या फिर इससे सहमत होते हैं तो आप भी उतने ही गुनहगार है। कभी भी ऐसे मजाक को नॉर्मलाइज नहीं करना चाहिए और हमेशा जेंडर के आधार पर महिलाओं को जनरलाइज नहीं करना चाहिए।

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