The Pride of Being Called by Her Name: हर पत्नी की ख्वाहिश होती है कि लोग उसे पति के नाम से जाने लेकिन ऐसे बहुत कम पति होते हैं जिन्हें इस बात से खुशी मिलती है कि वह पत्नी से नाम से जाने जाए। हमारे समाज में अभी भी पुरुष-प्रधानता है जिसकी वजह से अभी भी स्त्री को पुरुष के समान का दर्जा नहीं मिला है। एक स्त्री को अभी भी नीचा दिखाया जाता है। ऐसा समझा जाता है कि एक औरत तब ही संपूर्ण होती है जब उसकी शादी हो जाती है। आपने बहुत कम ही देखा होगा कि एक पुरुष को पत्नी से के नाम से जाना जाए। पुरूष ज्यादातर इस बात को पसंद भी नहीं करते हैं। आज हम इस विषय के ऊपर बात करेंगे-
पुरुष को पत्नी के नाम से बुलाए जाने पर क्यों होना चाहिए गर्व महसूस
पुरुष को औरत के नाम से जाना जाए तो यह बात समाज के लिए छोटी हो जाती है। ऐसा समझा जाता है कि इस पुरुष का कोई अस्तित्व नहीं है या फिर यह अपनी पत्नी का गुलाम है। यह सिर्फ पति-पत्नी के रिश्ते में भी नहीं है। जब बात बच्चों की आती है तब भी उन्हें पिता के नाम से ही जाना जाता है। उनकी पहचान उनके पिता से होती है लेकिन बहुत कम ऐसा देखा जाता है कि बच्चों की आइडेंटिटी उनकी मां से बनी हो क्योंकि हम औरतों को यह दर्जा देते ही नहीं है और ना ही चाहते हैं कि औरत को समान दर्जा मिले।
सोच बदलने की जरूरत
अब समय आ गया है कि पुरुष अपनी पत्नी की वैल्यू करें और अपनी पहचान उनके नाम से बताना शुरू करें। इससे वह रिश्ते में छोटे नहीं हो जाते हैं। यह बात उनकी ईगो पर नहीं लगनी चाहिए। आपको गर्व के साथ बताना चाहिए कि आप इस महिला के पति है। इससे उन्हें भी खुशी मिलेगी कि आप रिश्ते में उन्हें रिकॉग्नाइज करते हैं और समझते हैं। इससे रिश्ते में बराबरी भी आएगी। हम सदियों से महिला का नाम पुरुष से जोड़ते हैं लेकिन ऐसा बहुत कम सुनने को मिलता है जब एक पति अपनी पहचान अपनी पत्नी से बताता है कि वह इसका पति है और उसे इस बात पर गर्व है।