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What Are The Things That Promote Rape Culture (Image Credit - Daily Mail)
What Are The Things That Promote Rape Culture: रेप या बलात्कार आज कल के समय का बसे बड़ा क्राइम है लेकिन इस क्राइम के केसेज दिन प्रतिदित बढ़ते ही जा रहे हैं। यह किसी एक समाज की समस्या नहीं है न ही किसी एक देश या शहर की बल्कि यह समस्या पूरी दुनिया की है। लड़कियों के साथ रेप भारतीय समाज में आज-कल के समय में बहुत ज्यादा बढ़ चुका है। अगर आंकड़ों की बात की जाये तो भारत में प्रतिदिन 80 से ज्यादा रेप के मामले सामने आते हैं। जबकि रिपोर्ट्स की माने तो हर 2 मिनट में करीब 3 रेप की घटनाएँ होती हैं। यह आंकड़ा बहुत बड़ा है जो डरा देने वाला है। लेकिन रेप के बढ़ते केसेज के पीछे बहुत सी ऐसी चीजें हैं भारत में जो रेप के कल्चर को बढ़ावा देती हैं। आइये जानते हैं कि कौन सी चीजें हैं जो रेप कल्चर को बढ़ावा देती हैं।
जानिए रेप कल्चर को बढ़ावा देने वाली कुछ बातों के बारे में
1. पीड़िता को दोष देना
अक्सर यह देखा जाता है कि भारतीय समाज में बलात्कार या यौन हिंसा के पीड़ितों को अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है। तो यह इस विचार को कायम रखता है कि वे खुद इस कृत्य के लिए कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं जो कि अपराधियों को मानसिक तौर पर और अधिक अपराध करने के लिए प्रेरित करता है।
2. कपड़ों और चाल-चलन को दोष देना
आमतौर पर भारतीय समाज में महिलाओं को उनके साथ हुए यौन अपराधों के लिए उनके कपड़ों या चाल-चलन को दोषी माना जाता है और अक्सर यह कह दिया जाता है कि उनके रेप का कारण किसी अपराधी की मानसिकता नहीं बल्कि उनका पहनावा और चाल-चलन है जो कि अपराध को बढ़ावा देता है।
3. यौन हमले को महत्वहीन बनाना
रेप के कारणों और ऐसी घटनाओं पर चुटकुले बनाना या यौन हमले की गंभीरता को ना समझना, पीड़ित महिला द्वारा सहन की गई समस्या को नार्मल बताना और यह कहना कि लड़के तो लड़के होते ही हैं वे यह सब करते हैं यह भी यौन हिंसा को बढ़ाता है।
4. सेक्सुअल हैरासमेंट को सहन करना
जब महिलाएं किसी व्यक्ति द्वारा उन्हें छूने या उनके साथ गलत व्यवहार करने जैसी सेक्सुअल हैरासमेंट की घटनों को सहन कर लेती हैं और उनका विरोध नहीं करती हैं तो यह अपराधियों को और आगे बढ़कर उनके साथ बलात्कार करने की शक्ति देता है। सेक्सुअल हैरासमेंट पर आवाज उठाना रेप जैसी बड़ी घटनाओं को कम कर सकता है।
5. पुरुषों को रेप न करने की सलाह देने की जगह महिलाओं को रेप से बचें की सलाह देना
अक्सर समाज में लड़कियों को यह शिक्षा दी जाती है कि रेप से बचो। अपने आप को रेप करने वाले व्यक्तियों से सुरक्षित रखना तुम्हारा काम है। लड़कों को कोई यह नहीं सिखाता है कि तुम रेप मत करो रेप करना तुम्हारा काम नहीं है तुम्हारा काम महिलाओं को सुरक्षित रखना होना चाहिए।
6. सहमति शिक्षा का अभाव होना
हमारे समाज में आज भी इस बात को नहीं सिखाया जाता है कि किसी व्यक्ति की सहमति के बिना कोई भी कार्य करना गलत है। सहमति और सीमाओं के महत्व के बारे में व्यक्तियों को शिक्षित करने में विफलता से गलतफहमी और गैर-सहमति वाले कार्य होते हैं।
7. पर्याप्त कानूनों की कमी
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि बलात्कार के मामलों की पूरी तरह से जाँच नहीं की जाती है और अपराधियों को सजा नहीं मिलती है उन्हें कोर्ट या पुलिस की तरफ से छोड़ दिया जाता है तो यह संदेश जाता है कि सेक्सुअल अशौल्ट को आज भी गंभीरता से नहीं लिया जाता है।