Post Marriage Depression: समझे पोस्ट मैरिज डिप्रेशन को

महिलाओं में शादी के बाद पोस्ट मैरिज डिप्रैशन एक आप समस्या बनता जा रहा है। शादी में पुरुष के मुकाबले महिलाओं को अधिक सैक्रिफाइस करने होते हैं। कई बार महिलाएं इन सैक्रिफाइस के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होती है|

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Monika Pundir
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Post Marriage Depression

Post Marriage Depression: क्या होता है पोस्ट मैरिज डिप्रेशन?

हमारे भारतीय समाज में शादी को बहुत ही अहम दर्जा दिया जाता है। हमारे समाज में शादी सिर्फ दो लोगों का मिलन ना होकर दो परिवारों का मिलन होता है। लेकिन यह जितना आसान दिखता है उतना होता नहीं है। एकदम से नए रिश्तो में आ जाना और उन्हें अपना समझ कर अपना लेना बहुत मुश्किल होता है। खासकर जब बात महिलाओं की आए तो, महिलाओं में शादी के बाद पोस्ट मैरिज डिप्रैशन एक आप समस्या बनता जा रहा है।

महिलाओं को करने पड़ते हैं बहुत से सैक्रिफाइस

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यह बात सच है कि एक शादी में पुरुष के मुकाबले महिलाओं को अधिक सैक्रिफाइस करने होते हैं। कई बार महिलाएं इन सैक्रिफाइस के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होती है जिस कारण शादी के बाद वह डिप्रेशन का शिकार आसानी से हो जाती है।

1. लड़की से बहु तक का सफर

शादी करने के बाद एक अकेली लड़की को बहू का दर्जा दिया जाता है यानी के उसे अपने पति के साथ साथ एक पूरे घर की जिम्मेदारी संभालने होती है। यह सफर काफी मुश्किल होता है क्योंकि एकदम से इतनी जिम्मेदारियों का भार सर पर आ जाना और उसे अच्छे से समझना, अच्छे से निभाना काफी मुश्किल हो जाता है, जो महिलाओं के लिए स्ट्रेस और डिप्रेशन का कारण बनता है।

2. वर्किंग वुमन के लिए और भी मुश्किल

अगर कोई वर्किंग महिला है तो उसके लिए यह सामान्य है कि शादी के बाद उनका स्ट्रेस लेवल काफी बढ़ जाता है। क्योंकि उन्हें अपने काम के साथ-साथ अपने नए रिश्तो यानी नए परिवार में भी समय बिताना होता है। उन्हें अपने परिवार की जरूरतों का ध्यान रखना होता है। अक्सर जब कोई महिला अपने काम और परिवार के बीच बैलेंस नहीं बना पाती है तो वह गिल्ट का शिकार हो जाती है। इस गिल्ट के कारण वह स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंजाइटी का शिकार आसानी से होती है।

3. अगर फैमिली का सपोर्ट ना हो तो होती है और भी मुश्किल

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शादी के बाद पूरी तरह से एक महिला की जिंदगी बदल जाती है। अगर इस दौरान उन्हें अपनी फैमिली और क्लोज रिश्तेदारों या दोस्तों से सपोर्ट ना मिले तो यह उनके लिए और भी चैलेंजिंग साबित होता है। अपने परिवार और मां-बाप को छोड़कर आने के बाद अगर उन्हें अपनी नए परिवार या अपने सास-ससुर या अन्य रिश्तेदारों से सपोर्ट नहीं मिलता है तो उस सपोर्ट की कमी और प्यार की कमी के कारण वह स्ट्रेस और डिप्रेशन में चली जाती हैं।

4. पोस्ट मैरिज डिप्रैशन के लिए मदद मांगना होना चाहिए नार्मल

हमें यह समझना चाहिए कि पोस्ट मैरिज डिप्रेशन महिलाओं के लिए एक गंभीर मुद्दा है और इस पर बात होनी चाहिए। शादी के बाद हमें अपने दोस्तों पर लगातार चेक करते रहना चाहिए, यह देखने के लिए कि कहीं वह अधिक स्ट्रेस का शिकार तो नहीं हो गए हैं। अगर आप अपने दोस्तों या रिश्तेदारों में इस प्रकार के लक्षण महसूस करते हैं तो आपको चाहिए कि आप उनसे बात करें या उनके लिए कोई थेरेपी सेशन का इंतजाम करें।

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