Stop Controlling Women:- महिलाओं को कभी समाज, परिवार, पति बॉयफ्रेंड सभी कंट्रोल करते है। अब कुछ लोग कहेंगे कि ये सब कहने की बातें है लेकिन सचाई ये है कि अगर आज आप को महिला हर क्षेत्र में दिखाई दे रही है तो इसकी वो कीमित चूका रही है या फिर उसने इसकी अदा की है। आज भी बहुत सारी महिलाएं ऐसी है जो आर्थिक रूप से आजाद होने के बावजूद भी अपने फैसले नहीं ले सकती है तो यह नियंत्रण नहीं है तो और क्या है?
कब तक हम महिलाओं को हर चीज़ के लिए कंट्रोल करते रहेंगे?
ऐसे कपड़े मत पहनो
आज भी महिलाएं अपनी मर्ज़ी से कपडे नहीं पहन सकती है। इसके लिए एक अलग लड़ाई लड़नी पड़ती है। हमें लड़कियों के कपड़ो से समाज को बहुत समस्या रहती है। किसी औरत का चरित्र हम उसके कपड़ो से जज करते है। हम उसके कपड़ो से अंदाजा लगाते है कि ये औरत का व्यवहार कैसा होगा इसके कितने बॉयफ्रेंड होंगे। यह औरत संस्कारी होगी या नहीं। नोबेल पुरस्कार विजेता और लड़कियों के अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई का कहना है कोई महिला बुर्का पहनना चाहती है या बिकनी यह पूर्ण रूप से उसकी ही चॉइस होनी चाहिए। इसमें किसी को भी कोई समस्यानहीं होने चाहिए।
कितनी अजीब बात है महिलाओं को आज के समय भी कपड़ो पर लड़ाई लड़नी पड़ती है लेकिन मर्दों को कभी भी उनकी चॉइस के लिए सवाल नहीं उठाया जाता है। यह एक महिला की बॉडी है और हक़ भी उसे होना चाहिए उसने क्या पहनना है और नहीं।
कैसे व्यवहार करना है
जब लड़की का जन्म होता है तब से ही उसे सिखाया जाता कैसे व्यवहार करना है। बड़ो के सामने कैसे पेश आना है, ज्यादा मुस्कराकर बात नहीं करनी है। अपने पति की हर बात माननी है। अगर पति मार भी दे तो चुप करके सहन करना है। महिलाओं के डिवोर्स को भी स्वीकार नहीं किया जाता है कहा जाता है जरूर ये ऐसी होगी तभी इसके साथ यह सब हुआ। अपनी बड़ी उम्र के मर्द के साथ शादी कर ले तो कहा जाता है तो भी ट्रोल किया जाता है। समाज में दोगलापन बहुत है जो बातें एक मर्द की स्वीकार की जाती है लेकिन वहीं बातें औरत की निकार की जाती है।
ज़िन्दगी को कैसे जीना है
महिलाओं को हर चीज़ के लिए कंट्रोल किया जाता है लेकिन उन्हें किसी की बात न सुनकर अपने दिल की बात सुननी चाहिए। उन्हें समझना चाहिए ये ज़िन्दगी आपकी हैं इसके लीडर आप खुद हैं । इसलिए वहीँ कीजिए जो आपका मन चाहता हैं । गर आपका मन ट्रेवल करने को है तो कीजिए। अगर आप चाहते हैं कि आपको बिसनेस करना है तो कीजिए। कभी भी इस समाज से डरने की जरूरत नहीं है। यह समाज आपको कभी वैसे नहीं स्वीकार जैसे आप हैं । इसलिए खुद बनाए।