Financial Independence of women: आर्थिक आजादी के लिए औरतों ने बहुत लंबा संघर्ष किया है। आज भी महिलाएं इसके लिए बहुत संघर्ष कर आरजीजे है। औरतों ने अकेला आर्थिक आजादी के लिए ही नहीं निजी, मानसिक और शरारिक आजादी के लिए प्रयत्न किया है। आज हम बात करेंगे कैसे आर्थिक आजादी औरतों को उनकी जिंदगी जीने का अधिकार देती है -
Financial Independence के साथ मिलती है औरतों को जिंदगी जीने की आजादी
यह क्या है
आर्थिक आज़ादी में व्यक्ति के पास इतना पैसा होता है कि वह अपनी ज़रूरतों का ख़्याल रख सकें। इसमें सिर्फ़ पैसा कमाना ही नहीं इसे अपनी मर्ज़ी से इस्तेमाल करने की आज़ादी होती है।
अपनी तरीके से जिंदगी जीने का अधिकार
आर्थिक आजादी से महिलाएं अपनी जिंदगी अपने तरीके से जी सकती हैं इसके लिए उन्हें पैसों के लिए किसी के नीचे या गुलामी करने की जरूरत नहीं है। इसे वे अपनी ख्वाहिशों को पूरा कर सकती है। हजारों सालों से महिलाएं पैसों के लिए मर्दों के ऊपर निर्भर रही है लेकिन आज की महिला पैसे के लिए किसी से ऊपर निर्भर होने से ज्यादा खुद पैसे कमाने पर यकीन रखती है।
अपने फैसले खुद ले सकती है
महिलाएं अपने फैसले खुद ले सकती है। जब महिलाओं के पास आर्थिक आजादी आएगी तब उन्हें अपनी जिंदगी जीने के लिए किसी की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। जब मैं लाइन आर्थिक रूप से सशक्त नहीं होती तब उन्हें कोई भी कामयाब फैसला लेने के लिए अपने पति भाई या पिता से अनुमति लेनी पड़ती है लेकिन जब एक महिला के पास आरती का शादी आ जाती है तब वह जैसा चाहे अपनी जिंदगी को जी सकती है।
महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करती है
जब महिलाएं आर्थिक रूप से सुरक्षित होती है तब उनके पास सुरक्षा होती है कि अगर ज़िन्दगी में कोई बुरा समय आ जाएं उस समय वे अपने बच्चों के लिए या अपने लिए स्टैंड हो सकती है। यह चीज़ महिलाओं को आत्म निर्भर बनाती है। उन्हें किसी के सहारे या दया की जरुरत नहीं पड़ती ।
शादी के बाद भी ज़रूरी है आर्थिक आज़ादी
आर्थिक आज़ादी ज़रूरी नहीं महिला को तब चाहिए जब वह सिंगल हो। क्या हम मर्द की शादी के बाद नौकरी छोड़ने के लिए कहते है? नहीं फिर महिलाओं की क्यों कहा जाता अहि। उनके लिए भी उतनी ज़रूरी है जितनी एक मर्द के लिए। इसलिए एक महिला को शादी के बाद भी पैसों के लिए मर्दों पर निर्भर नहीं होना चाहिए।