Why Are Childrens Games Gender Biased: अक्सर ऐसा होता है कि जब घर में लडके और लड़कियां दोनों ही बच्चे होते हैं तो परिवार के सदस्य लड़कों को बोलते हैं कि बाहर जाकर खेलो जबकि लड़कियों को बोला जाता है तुम ज्यादा उछल-कूद मत करो, तुम घर के अन्दर बैठकर खेलो, तुम गुडिया के साथ, किचन सेट के साथ खेलो बाहर मत जाओ। जबकि लडकों को बाहर जाकर खेलना अलग-अलग तरह के एक्सपीरियंस करना सब कुछ अलाउ किया जाता है। आखिर बच्चों के साथ भी इस तरह का भेदभाव क्यों किया जाता है। क्यों लडकियाँ अपने हिसाब से खेलों में भाग नहीं ले सकती हैं। क्यों उनका उछल-कूद करना बाहर खेलना सही नहीं माना जाना जबकि बच्चे तो बच्चे होते हैं वो चाहे लड़का हो या लडकी फिर उनके खेलों में भी जेंडर का भेदभाव क्यों है उन्हें अपने हिसाब से क्यों नहीं खेलने दिया जाता है।
जानिए क्यों बच्चों के गेम्स जेंडर बेस्ड होते हैं
बचपन से ही लड़कियों को घर के कामों और अन्य चीजो के बारे में सिखाया जाना शुरू कर दिया जाता है वहीं जब वे बड़ी होती हैं तो उन्हें बाहर खेलने और ऐसे स्पोर्ट्स में शामिल होने पर मना किया जाता है जिनमे खास तौर पर शारीरिक रूप से एक्टिव होने की जरूरत होती है। उन्हें घर के अन्दर रहकर खेलने के लिए कहा जाता है। उनसे उम्मीद की जाती है कि वे लडकों वाले खेलों में शामिल न हों। यही रीजन है कि लड़कियां आज भी गेम्स में काफी पीछे हैं। क्योंकि इस तरह जेंडर का हवाला देते हुए उन्हें बचपन से ही खेलों से दूर रखा जाता है।
जब बच्चे छोटे होते हैं यह जेंडर बेस खेलों का चलन तभी से शुरू हो जाता है और यह काम कोई और नहीं बल्कि पेरेंट्स या परिवार के सदस्य ही करते हैं कि जब बच्चे छोटे होते हैं तो खिलौनों के रूप में भी लड़कियों को गुडिया, किचन सेट दिलाया जाता है जबकि लड़कों को कार, क्रिकेट बैठ और स्पोर्ट्स वाले खिलौने। क्या लड़कियां ऐसे खेलों का हिस्सा नहीं हो सकती हैं जो लड़के खेलते हैं और अगर वे ऐसा करती हैं तो नुक्सान क्या है। हर इंसान को अपनी पसंद की चीजें करने का अवसर मिलना चाहिए न कि जेंडर के हिसाब से चीजे एन्जॉय करने का मौका।
जेंडर बेस्ड गेम्स को खत्म करने के लिए क्या करें
जेंडर बेस्ड गेम्स और बच्चों के साथ यह भेदभाव रोकना बहुत जरूरी है। शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से लोगों को जेंडर बेस खेलों की कुरीतियों के बारे में जागरूक करना महत्वपूर्ण है। जिससे बच्चों को अपने हिसाब से चीजों को सीखने का और अपनी प्रतिभा को दिखाने का मौका मिले। बिना किसी भेदभाव के लड़की और लड़कों को साथ खेलने और सभी खेलों में शामिल करने के प्रोत्साहित करना चाहिए।