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Beauty: क्यों हमें अवास्तविक सुंदरता के खिलाफ बोलना चाहिए?

मूवीज़, इंटरनेट और सोशल मीडिया ने समाज और उसमें रहने वाले लोगो के मन में एक परफेक्ट फिगर, बॉडी, हाइट, कलर और स्किन जैसे कई सारे नोशन बनवा दिए हैं जो कि हर इंसान को वैसा ही बनने के प्रेशर में दाल देता है। 

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Ayushi Jha
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bollywood (POPxo)

(Image source: POPxo)

 Why Are Unrealistic Beauty Standards Needed To Be Called Out: मूवीज़, इंटरनेट और सोशल मीडिया ने समाज और उसमे रहने वाले लोगो के मन में एक परफेक्ट फिगर, बॉडी, हाइट, कलर और स्किन जैसे कई सारे नोशन बनवा दिए हैं जो कि हर इंसान को वैसा ही बनने के प्रेशर में दाल देता है। इसी प्रेशर के वजह से कईं सारे लोग बहुत ही मेन्टल प्रेशर में आ जाते हैं और लगातार खुदके शरीर को कोसते रहते हैं जो कि उनके मानसिक स्वास्थ के साथ साथ उनके शारीरिक स्वास्थ पर भी असर करता है।

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लोगों में ख़ास कर के टीनएजर्स में यह बहुत ही ज़्यादा कॉमन हो गया है, बच्चें बुली होते हैं स्कूलों में, इंटरनेट और सोशल मीडिया पर। यह समाज द्वारा बनायीं गयी अनरियलिस्टिक ब्यूटी स्टैंडर्ड्स एक बीमारी जैसी है जिसके शिकार आज के ज़माने में कितने ही मासूम हो चुकें हैं जो उनके कॉन्फिडेंस और आत्म विश्वास को मार देता है और उन्हें कमज़ोर बना देता है। इनसे सुरक्षा करना बहुत ही आवश्यक है, आने वाले पीढ़ी को इस परेशानी से सामना ना करना पड़े इसके लिए हमें ज़रूर कुछ करना चाहिए। 

क्यों हमें अवास्तविक सुंदरता के खिलाफ बोलना चाहिए?

लोगो को, बल्की बढ़ते बच्चों को यह समझाना बहुत ज़रूरी है कि उनका शरीर एक मंदिर है जिसकी पूजा हमेशा करना चाहिए वो भी निसंदेह होकर। उनके नाक, उनके बाल या उनके किसी भी शरीर को हिस्से को बदलने की ज़रूरत नहीं है बस इसलिए क्यूंकि समाज उसे वेलिडेट नहीं करती। हर इंसान खूबसूरत होता है अपने आप में ही। इन नकली सुंदरता के स्टैंडर्ड्स को मैच करने की ज़रूरत किसी को नहीं होती। 

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रिश्तेदारों का यह कॉमन ताना हो जाता है कि कितनी पतली हो गयी है, कितनी मोटी हो गयी है, ऐसे स्टेटमेंट्स ऊपर से सुनने में तो बहुत ही हार्मलेस लगता है लेकिन किसी सुनने वाले पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। लोग अपने शरीर को लेकर कॉन्शियस हो जातें हैं और खुदको नुक्सान भी पंहुचा देते हैं। यही वजहें हैं कि ऐसे अवास्तविक सुंदरता के स्टैंडर्ड्स के खिलाफ आवाज़ उठाना बहुत ज़रूरी है ताकि इससे जूझ रहे लोग खुदकी मदद कर सकें और खुश रह सकें।

Unrealistic Beauty Standards
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