Career: शादी के बाद महिलाओं से करियर छोड़ने की उम्मीद कई सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यावहारिक कारणों से की जाती है। सामाजिक कारणों में पितृसत्तात्मक व्यवस्था, पारंपरिक लिंग भूमिकाएं और धार्मिक ग्रंथों का प्रभाव शामिल हैं। इन कारणों से महिलाओं को अक्सर घरेलू कामों और बच्चों की देखभाल के लिए ज़िम्मेदार माना जाता है, व्यावहारिक कारणों में कार्य-जीवन संतुलन में कठिनाई, अपर्याप्त सहायक प्रणाली और लैंगिक भेदभाव शामिल हैं।
आइए इनमें से 5 प्रमुख कारण जानते हैं
1. लैंगिक रूढ़िवादिता
सदियों से, समाज में महिलाओं को घरेलू कामों और बच्चों की देखभाल के लिए ज़िम्मेदार माना जाता रहा है। पुरुषों को कमाने वाला माना जाता था और महिलाओं को घर संभालने वाला। यह सोच आज भी कई लोगों के दिमाग में घर करी हुई है। शादी के बाद, महिलाओं से यह उम्मीद की जाती है कि वे अपना करियर छोड़कर घर और परिवार को प्राथमिकता देंगी।
2. सामाजिक दबाव
कई बार, महिलाओं को उनके परिवार और रिश्तेदारों द्वारा भी करियर छोड़ने के लिए दबाव डाला जाता है। समाज में एक गलत धारणा यह भी है कि जो महिलाएं कामकाजी होती हैं, वे अपने बच्चों की अच्छी देखभाल नहीं कर पाती हैं।
3. कार्य-जीवन संतुलन में कठिनाई
कई महिलाओं को शादी के बाद काम और घर दोनों को संभालने में कठिनाई होती है। खासकर तब जब उनके छोटे बच्चे होते हैं। childcare और घरेलू कामों की जिम्मेदारियां अक्सर महिलाओं पर ही थोपी जाती हैं, जिससे उनके लिए अपना करियर जारी रखना मुश्किल हो जाता है।
4. अपर्याप्त सहायक प्रणाली
कई महिलाओं को काम और घर दोनों को संभालने में मदद करने के लिए पर्याप्त सहायक प्रणाली नहीं मिल पाती है। उनके पास बच्चों की देखभाल के लिए दादा-दादी या अन्य रिश्तेदारों का सहयोग नहीं होता है। न ही उन्हें घरेलू कामों में मदद करने के लिए आसानी से नौकर मिल पाते हैं।
5. लैंगिक भेदभाव
कई कार्यस्थलों में लैंगिक भेदभाव अभी भी मौजूद है। महिलाओं को पुरुषों के समान अवसर और वेतन नहीं दिया जाता है। उन्हें पदोन्नति और विकासके अवसरों में भी कम तरजीह दी जाती है।