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Societal Norms: क्यों शादी और पतली लड़की की चाहत है समाज की सच्चाई है?

ओपिनियन: भारतीय समाज में शादी के लिए पतली लड़कियों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, सौंदर्य मानक। पतली लड़कियों को अधिक सुंदर माना जाता है।

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Trishala Singh
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Slim girls for marriage

(Credits: Pinterest)

Why Society Still Prefers a Slim Bride for Marriage: हमारे समाज में शारीरिक सुंदरता और आकर्षण का बहुत महत्व है। विवाह के संदर्भ में, यह अवधारणा और भी प्रमुख हो जाती है, विशेषकर महिलाओं के लिए। आज भी कई लोग शादी के लिए पतली लड़की को प्राथमिकता देते हैं। इस मानसिकता के पीछे कई सांस्कृतिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं।

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Societal Norms: क्यों शादी और पतली लड़की की चाहत है समाज की सच्चाई है?

सांस्कृतिक धारणाएँ और मान्यताएँ

हमारे समाज में सदियों से शारीरिक सुंदरता के मानक निर्धारित किए गए हैं, जो फिल्मों, टीवी शोज़, और विज्ञापनों के माध्यम से और भी प्रचलित हो गए हैं। पतली लड़कियों को सुंदर और आकर्षक माना जाता है। यह सांस्कृतिक धारणाएँ और मान्यताएँ लोगों की मानसिकता में गहराई से बैठ चुकी हैं। समाज में फैशन और मीडिया के प्रभाव से यह धारणा और भी मजबूत होती गई है।

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लड़कियों के आत्म-सम्मान पर समाज की अपेक्षाओं का गहरा प्रभाव पड़ता है। जब समाज पतली लड़कियों को प्राथमिकता देता है, तो वे अपने शरीर के प्रति असंतोष और आत्म-सम्मान में कमी महसूस करती हैं। यह स्वयं का आत्म-सम्मान और समाज की अपेक्षाएँ लड़कियों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित करती हैं। समाज को यह समझना चाहिए कि हर लड़की की खूबसूरती उसके आत्म-विश्वास और व्यक्तित्व में होती है, न कि उसके शरीर के आकार में।

समाज का दबाव और मान्यताएँ

समाज में पतले शरीर को स्वास्थ्य और फिटनेस का प्रतीक माना जाता है। जब विवाह की बात आती है, तो परिवार और रिश्तेदार भी इसी धारणा के अनुसार लड़कियों को परखते हैं। समाज का दबाव और मान्यताएँ परिवारों को पतली लड़कियों को प्राथमिकता देने के लिए मजबूर करते हैं। यह सोच न केवल लड़कियों के आत्म-सम्मान को प्रभावित करती है, बल्कि उनके जीवन को भी कठिन बना देती है।

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बहुत से लोग यह मानते हैं कि पतली लड़कियां स्वस्थ और फिट होती हैं। हालांकि, यह हमेशा सही नहीं होता। स्वास्थ्य और फिटनेस का पतले या मोटे होने से कोई संबंध नहीं है। हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और स्वास्थ्य के मानक भी अलग होते हैं। स्वास्थ्य और फिटनेस का मिथक पतले शरीर को प्राथमिकता देने की एक बड़ी वजह बन जाता है।

समानता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार

समाज में हर व्यक्ति को समानता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है। हर लड़की को यह अधिकार है कि वह अपने शरीर को जैसा चाहें वैसा रखे। शादी के लिए पतली लड़की की प्राथमिकता देना न केवल असमानता को बढ़ावा देता है, बल्कि यह उनके अधिकारों का भी हनन है। समानता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार सभी को मिलना चाहिए, और शादी जैसे महत्वपूर्ण निर्णय में यह और भी जरूरी हो जाता है।

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शादी के लिए पतली लड़की की प्राथमिकता देना एक सामाजिक समस्या है जिसे बदलने की जरूरत है। यह जरूरी है कि समाज अपने सोच में बदलाव लाए और शारीरिक सुंदरता के मानकों को फिर से परिभाषित करे। हर लड़की की खूबसूरती उसके आत्म-विश्वास, व्यक्तित्व, और गुणों में होती है, न कि उसके शरीर के आकार में। हमें इस मानसिकता को बदलने और हर व्यक्ति को समानता और स्वतंत्रता का अधिकार देने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। इससे न केवल लड़कियों का आत्म-सम्मान बढ़ेगा, बल्कि समाज भी अधिक प्रगतिशील और समावेशी बनेगा।

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