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Unapologetically Me: क्यों महिलाओं का इंडिपेंडेंट, बेबाक और इंटेलिजेंट होना समाज को रास नहीं

हमारे समाज में जब बात औरतों की आती है तो ऐसा समझा जाता है कि एक औरत की जगह घर में होनी चाहिए और उसे किसी के सामने बिल्कुल भी नहीं बोलना चाहिए।

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Rajveer Kaur
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Photograph: (Image Credit: Pinterest)

Why Society Struggles with Independent, Outspoken, and Intelligent Women: हमारे समाज में जब बात औरतों की आती है तो ऐसा समझा जाता है कि एक औरत की जगह घर में होनी चाहिए और उसे किसी के सामने बिल्कुल भी नहीं बोलना चाहिए। इसके साथ ही उन औरतें को भी सराहना नहीं मिलती जो इंटेलिजेंट होती है। सबसे पहले तो औरत को इंटेलिजेंट माना ही नहीं जाता है। ऐसा समझा जाता है कि औरत में समझ कम होती है या फिर उसे बातें समझ नहीं आती। इसी सोच ने महिलाओं को आज तक बाधित कर रखा है। इसके साथ ही जो महिलाएं खुलकर बात रखती है और किसी से डरती नहीं है, उन्हें भी ज्यादा तारीफ नहीं मिलती है। आज के इस आर्टिकल में बात करेंगे कि क्यों औरतों का इंटेलिजेंट, बेबाक और इंडिपेंडेंट होना समाज को रास नहीं है?

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क्यों महिलाओं का इंडिपेंडेंट, बेबाक और इंटेलिजेंट होना समाज को रास नहीं

अगर हम अपने घर में भी देखे तो शुरुआत से महिलाएं पुरुषों के ऊपर निर्भर रही हैं। यह सिर्फ आर्थिक तौर पर नहीं बल्कि भावनात्मक और मानसिक रूप में भी है। पुरुषों को लगता है कि वे बहुत ज्यादा स्ट्रांग होते हैं और हर किसी समस्या का हल ढूंढ सकते हैं। उन्हें लगता है कि उन्हें किसी की जरूरत नहीं होती है। इसके उल्ट जब बात महिलाओं की आती है तो उन्हें लगता है कि महिलाएं बहुत ज्यादा सॉफ्ट होती है और वे अकेले कुछ भी नहीं कर पाती लेकिन आज इस सोच का मुंह तोड़ जवाब औरतें दे रही हैं और उन्होंने कमाना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी साबित कर दिया है कि वे इंटेलिजेंट हैं क्योंकि हर फील्ड में आज आपको औरतें दिखाई दे रही हैं।

औरतों ने अन्याय के खिलाफ बोलना किया शुरू

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इसके साथ ही औरतें बेबाक हो रही हैं। अब उन्होंने डरना काम कर दिया है। अगर उन्हें कुछ सही नहीं लगता है या फिर कुछ उनकी मर्जी के खिलाफ हो रहा है तो वे उस रिश्ते में रहना सही नहीं समझती है। इस पूरी स्थिति के कारण पुरुषों को अब यह बात सही नहीं लगती है कि औरतें हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर क्यों चलती हैं। इस पुरुष प्रधान समाज में हमें औरत का पुरुष के सामने झुककर रहना ही अच्छा लगता है। हमें यह नहीं पसंद कि महिलाएं पुरुषों के सामने बोले या फिर उनके खिलाफ कोई एक्शन लें। अब समय धीरे-धीरे बदल रहा है और महिलाओं को भी अपनी वर्थ समझ आने लग गई है। उन्हें भी पता चल गया है कि उनमें पोटेंशियल बहुत ज्यादा है लेकिन उन्हें सिर्फ डरा कर रखा जाता है जिस कारण वे खुद को व्यक्त ही नहीं कर पाते।

महिलाएं सेल्फ अवेयर होना शुरू करें

महिलाओं को सेल्फ अवेयर होने की बहुत जरूरत है। आपको अपनी चॉइस का फॉलो करनी चाहिए। इसके साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त होना चाहिए। अगर आपके साथ गलत हो रहा है तो उसके खिलाफ बोलिए। अगर आप नहीं बोलेंगे तो आपका साथ कोई भी नहीं देगा। आपको अपनी काबिलियत समझने की जरूरत है। दूसरे आपकी व्रथ को डिफाइन नहीं कर सकते हैं। आप अपने आपके बेहतर जानते हैं। इसके साथ ही आप पुरुषों से कम इंटेलिजेंट नहीं है। इंटेलिजेंस का जेंडर से कोई लेना-देना नहीं है। इंटेलिजेंस हर किसी में अलग तरीके की हो सकती है। इसलिए इसमें किसी की तुलना नहीं की जा सकती है।

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जब बात इंडीपेंडेंट होने की आती है तब भी उन्हें बहुत ज्यादा डोमिनेंट किया जाता है जो बिल्कुल भी सही नहीं है। महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकती हैं। उन्हें अपनी जिंदगी जीने के लिए किसी को भी जरूरत नहीं है। इसके साथ ही किसी  महिला को पूरा होने के लिए पुरुष की जरूरत नहीं है। यह बात आप जितना जल्दी समझ जाएं, उतना ही हमारे लिए बेहतर है। महिलाओं को कभी भी यह समझने की जरूरत नहीं है कि वे अकेले कमजोर हैं या फिर कुछ कर नहीं सकती।

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