Advertisment

Value of Motherhood: बच्चे की सफलता पर जशन लेकिन माँ का रिवार्ड कहाँ?

मां का हमारी जिंदगी में अहम रोल होता है लेकिन उन्हें इतनी रिकॉग्निशन नहीं मिलती है। हमें लगता है कि यह तो मां का फर्ज था। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। यह सब तो हर मां अपने बच्चों के लिए करती ही है।

author-image
Rajveer Kaur
New Update
Motherhood Struggles: भारतीय माताओं को अपने बच्चों से क्या कहना चाहिए

File Image

Why We Need to Stop Taking Our Mothers for Granted: मां का हमारी जिंदगी में अहम रोल होता है लेकिन उन्हें इतनी रिकॉग्निशन नहीं मिलती है। हमें लगता है कि यह तो मां का फर्ज था। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। यह सब तो हर मां अपने बच्चों के लिए करती ही है। अगर आप इस बात को गहराई से सोचेंगे तब आपको समझ आएगा की यह काफी अहसान फरामोश बात है। जब तक माँ के साथ आपका मतलब था, आपने उसका पूरा फायदा लिया लेकिन जब माँ को कुछ रिकॉग्निशन या फिर कंप्लीमेंट देने की बात आई तब आपने यह कहना ठीक समझा कि यह तो उसका फर्ज था। आज हम जानेंगे कि क्यों माँ के रोल को इतना सेलिब्रेट नहीं किया जाता है-

Advertisment

बच्चे की सफलता पर जशन लेकिन माँ का रिवार्ड कहाँ?

प्रेगनेंसी से लेकर एडल्ट होने तक एक मां का हमारी जिंदगी में बहुत बड़ा रोल होता है। एडल्ट होने के बाद मां का रोल बहुत कम हो जाता है क्योंकि हम अपने फैसले लेने में सक्षम हो जाते हैं। हम अपनी जरूरत का ध्यान रखने लग जाते हैं। कई बार हम अपने पेरेंट्स से अलग रहने भी लग जाते हैं लेकिन इस पूरे समय में मां का आपके साथ निरंतर जुड़े रहना, सपोर्ट करना, कॉन्फिडेंस को बढ़ाना और आपका साथ देना यह सब बहुत मायने रखता है। हम इन चीजों को बहुत जल्दी भुला देते हैं।

जब हम अपनी जिंदगी में कुछ अचीव कर लेते हैं या फिर  ऊंचा मुकाम हासिल कर लेते हैं तब हमें लगता है कि यह सिर्फ हमारी मेहनत है। इसका श्रेय सिर्फ हमको मिलना चाहिए तब आप के अंदर ग्रिटीट्यूड खत्म हो जाता है। अगर आप उसी समय पर अपनी मां को भी श्रेय देंगे या फिर उन्हें भी अपनी इस सफलता के सफर का हिस्सा बनाएंगे तो आपके लिए इससे बड़ी कोई चीज नहीं होगी।

Advertisment

अगर हम चाहते हैं कि हमारे बच्चों में एक मदर के लिए रिस्पेक्ट हो या फिर वह इस बात को समझे कि एक मां का  बच्चे को पालने में कितना संघर्ष है तो मां और बच्चे को एक कम्युनिकेशन गैप खत्म करना होगा। उन्हें बताना होगा कि कैसे प्रेगनेंसी के समय उन्हें इतना उतार-चढ़ाव झेलने पड़ते हैं। बच्चे की डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन होता है, बेबी ब्लूज होते हैं और कुछ महिलाओं का कैरियर छूट जाता है। माँ को कितना कुछ सुनना पड़ता है। अगर बच्चों की परवरिश में कोई भी कमी रह जाती है तो उसका दोष भी उसी पर आता है। हमारे समाज में माँ होना बिल्कुल भी आसान नहीं है।

अगली बार जब भी आप जिंदगी में किसी भी मुकाम पर पहुंचे तो आप उस समय जरूर इस बात को याद रखें कि आपकी मां ने कब-कब आपका साथ दिया और किन-किन स्थितियों में आपको निकालकर यहां तक पहुंचाया है। अगर आप अपनी सक्सेस स्पीच या फिर इस जर्नी में उनका नाम भी शामिल कर लेंगे तो उनके लिए इससे बड़ी खुशी की बात कोई हुई ही नहीं सकती है।

Career And Motherhood motherhood Empowering Motherhood Motherhood Challenges
Advertisment