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इच्छाओं का लिंग नहीं होता: महिलाओं की Sexual Desires को लेकर खामोशी क्यों?

Sexual Desire सिर्फ पुरुषों से जुड़ी नहीं है। लेख समाज के इस मिथक को तोड़ता है और बताता है कि महिलाओं में भी यौन इच्छा होती है। साथ ही ये लेख महिलाओं की यौन इच्छा को लेकर समाज के रूढ़ नजरिए और खुलकर बातचीत के महत्व को उजागर करता है।

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Vaishali Garg
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Sexual desire

Why Women's Sexuality Is Silenced ? कल्पना कीजिए, आप किसी मित्र के साथ फिल्म देख रहे हैं। स्क्रीन पर एक रोमांटिक गाना चल रहा है और अचानक ही आपका साथी आपका हाथ पकड़ लेता है। आपका दिल घबराने लगता है, शरीर में गर्मी सी दौड़ जाती है और आपका मन और शरीर करीबी के लिए तरसने लगता है। यह कैसा अहसास है? जी हां, यही यौन इच्छा है। 

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लेकिन क्या यही अनुभव सिर्फ पुरुषों को होता है? क्या महिलाओं को कभी इस तरह की इच्छा नहीं होती? जरा रुकिए, गौर कीजिए अपने आसपास। क्या आपने कभी किसी महिला को किसी रोमांटिक फिल्म सीन पर मुस्कुराते या किसी हैंडसम अभिनेता को देखकर उनकी तारीफ करते हुए नहीं देखा? क्या यह यौन आकर्षण का संकेत नहीं है? 

Sexual Desires का लिंग नहीं होता

समाज में एक गहरी जड़ जमाए हुए धारणा है कि यौन इच्छा सिर्फ पुरुषों की फितरत है। महिलाएं यौन सुख के बारे में सोचती ही नहीं हैं या फिर कम सोचती हैं। लेकिन क्या ये सच है? आइए, इसी सवाल पर गौर करें और समझने की कोशिश करें कि आखिर यौन इच्छाओं को लेकर ये भेदभाव क्यों किया जाता है और महिलाओं की खामोशी के पीछे क्या कारण हैं? 

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जब कोई महिला अपनी यौन इच्छाओं के बारे में खुलकर बात करती है, तो अक्सर उसे समाज द्वारा आंका जाता है। उसे भद्दी या चरित्रहीन तक कह दिया जाता है। वहीं दूसरी तरफ, पुरुषों द्वारा यौन इच्छाओं को जाहिर करना पूरी तरह से स्वीकार्य माना जाता है। यह दोहरा रवैया समाज में लैंगिक असमानता को दर्शाता है।

यौन इच्छा को दबाना क्यों नुकसानदायक है?

यौन इच्छाओं को दबाना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे तनाव, चिंता, रिश्तों में समस्याएं और यौन रोग भी हो सकते हैं। हर किसी को अपनी यौन इच्छाओं को स्वस्थ तरीके से व्यक्त करने का अधिकार है।

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स्वस्थ बातचीत जरूरी

यौन इच्छाओं के बारे में खुले तौर पर बातचीत करना रिश्तों को मजबूत बनाने में मदद करता है। पार्टनर एक दूसरे की जरूरतों को समझ सकते हैं और एक दूसरे की इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास कर सकते हैं। इससे दोनों को ही यौन सुख और संतुष्टि मिलती है।

आइए, बदलें नजरिया

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हमें यह समझने की जरूरत है कि यौन इच्छा एक स्वाभाविक चीज है। महिलाओं और पुरुषों, दोनों में ही यौन इच्छाएं होती हैं। हमें अपनी धारणाओं को बदलने और यौन इच्छाओं के बारे में खुलकर बातचीत करने की स्वतंत्रता देने की जरूरत है। तभी हम एक स्वस्थ और समावेशी समाज का निर्माण कर सकते हैं।

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