Why Women Should Never Compare Themselves With Others : कंपैरिजन एक ऐसी चीज है जो समय के साथ जेलर में बदल जाती है इसलिए इसको कंट्रोल करना बहुत ज्यादा जरूरी है और आज हम बताएंगे कि कंपैरिजन क्यों हार्मफुल हो सकता है।
क्यों महिलाओं को रहना चाहिए कंपैरिजन से दूर
कंपैरिजन के बारे में जितनी बार भी समझाया जाए फिर भी यह ऐसी चीज है जो लोगों के दिमाग से नहीं जाती है वह जीवन के किसी ने किसी मोड़ पर खुद को दूसरों से कंपेयर कर ही लेते हैं, जबकि उन्हें यह समझना बहुत जरूरी है की हर एक इंसान की अलग इंडिविजुअल होती है, और वह खुद भी उतने ही स्पेशल है जितना वह दूसरों को समझते हैं
अनहेल्दी कंपटीशन
कंपटीशन दो तरह के होते हैं एक हेल्थी कंपटीशन दूसरा अनहेल्दी कंपटीशन जब हम बात कंपैरिजन की करते हैं तो बहुत बार यह कंपटीशन नेगेटिविटी की ओर चला जाता है और अनहेल्दी कंपटीशन की बात होती है जो रियल लाइफ में आपके रिलेशन को भी बिगाड़ सकता है
अपॉर्चुनिटी का न मिलाना
दूसरों की क्वालिटी पर ध्यान देना बहुत बार आपको भी नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि आपके दिमाग को डाइवर्ट कर सकता है और आप अपने काम के अलावा दूसरी चीजों पर अटेंशन देने लगते हैं जिस वजह से आपको मिलने वाली अपॉर्चुनिटी आप गवा सकते हैं
इमोशनल स्ट्रेस
कंपैरिजन करना आपको अननेसेसरी बहुत सी तकलीफों से जोड़ सकता है जैसे स्ट्रेस, एंजायटी नेगेटिव इमोशंस और बहुत कुछ, इसलिए बहुत पहले से ही नेगेटिव सोचना आपके लिए गलत हो सकता है वरना बहुत सी ऐसी चीजों का शिकार भी हो सकते हैं जो आपके लिए घातक हो सकता है
अनरियलिस्टिक एक्सपेक्टशंस
खुद को दूसरे से कंपेयर करना आपके मन में बहुत ज्यादा अनरियलिस्टिक एक्सपेक्टेशन को बढ़ा देता है जो आपको बाद में डिसएप्वाइंटमेंट की ओर लेकर चले जाता है इसलिए खुद को दूसरों से कम कभी नहीं समझना चाहिए हम जैसे हैं दूसरों से यूनिक है और यह जानना बहुत ज्यादा जरूरी है
सेल्फ वर्थ को समझना
जीवन में बहुत बार ऐसा हो सकता है कि लोग आपकी सेल्फ वर्थ के बारे में ना जान पाए पर खुद के ऊपर इतना कॉन्फिडेंट होना चाहिए कि हम अपनी सलवार को समझ पाए हर जगह पर हर इंसान यूनिक होता है और उसके अंदर एक अलग क्वालिटी होती है यह समझ कर चलना बहुत ज्यादा जरूरी है