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समाज में महिलाओं के लिए बहुत से नियम कानून बनाए हुए हैं। महिलाओं को कैसे चलना है, बोलना है, खाना है, पीना है, यह सब समाज द्वारा निर्धारित निर्देश अनुसार ही उन्हें करना होता है। जो महिला इन निर्देशों और धार्मिक नियमों के अनुसार अपनी जिंदगी जीती है उसे संस्कारी माना जाता है। तो वहीं जो महिलाएं अपनी आजादी का लुफ्त उठा कर इन निर्देशों और नियमों का पालन नहीं करती, उन्हें बुरा और गंदा कहा जाता है।
लेकिन क्या इन सभी नियमों का पालन करने के बाद भी सभी महिलाओं को अच्छा कहा जाता है? मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता। महिलाओं की बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं के कारण उन्हें गंदा कहना सही कैसे हैं? पीरियड्स में उन्हें किचन में जाने की इजाजत नहीं दी जाती और पूजा करने की मनाही होती है। सारे नियम कानून मानने के बाद भी उसे गंदा कहा जाता है तो फिर इसे मानने का क्या फायदा?
अब वक्त आ गया है कि हम इन सभी रूढ़िवादी विचारों को अपने दिमाग से हमेशा के लिए निकाल दे। कोई भी महिला इन कामों को करने पर गंदी या बुरी नहीं हो जाती।
ये 5 चीज़ें आपको बुरा नहीं बनाती -
1. सेक्स की इच्छा
हमारे समाज में सेक्स की बात करना एक टैबू है। महिलाओं के लिए खास तौर पर इससे जुड़े नियम बनाए गए हैं। महिलाओं के लिए सेक्स की बात करना भी अपराध माना जाता है। शादी से पहले महिलाओं का सेक्स करने की इच्छा रखना समाज के लिए उन्हें बुरी महिला बना देता है।
महिलाएं केवल शादी के बाद ही सेक्स कर सकती है वह भी अपनी पति की मर्जी से। लेकिन उनका पति आजाद है सेक्स की इच्छा रखने के लिए लेकिन वह नहीं। सेक्स हर व्यक्ति की जरूरत है इसलिए इसकी इच्छा रखने से कोई महिला बुरी नहीं हो जाती।
2. बॉडी हेयर
आपने देखा होगा आदमी ज्यादातर अपने आर्मपिट के बालों को साफ नहीं करवाते। वे खुलकर अपने बॉडी हेयर का प्रदर्शन करते हैं और लोगों के लिए यह बहुत नॉर्मल है। लेकिन जो महिलाएं अपना बॉडी हेयर शेव नहीं कराती उन्हें अनहाइजीनिक और बुरा माना जाता है।
बॉडी हेयर पूरी तरह से प्राकृतिक होते हैं। इसलिए अगर आदमियों के लिए यह स्टैंडर्ड अप्लाई नहीं होता तो महिलाओं के लिए क्यों?
3. पीरियड
जब एक महिला को पीरियड होते हैं तो उसे मंदिरों में जाने, किचन में जाने और अचार कुछ होने की मनाही होती है। भारत में तो यह मेंस्ट्रूअल टैबू है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को गंदा और अपवित्र माना जाता है। लेकिन पीरियड्स एक आम बायोलॉजिकल प्रक्रिया है जिसकी वजह से महिलाओं को जज नहीं करना चाहिए। पीरियड्स होने से कोई महिला अपवित्र या गंदी नहीं हो जाती है।
4. देर रात तक बाहर रहना
महिलाओं के अच्छे या बुरे कैरेक्टर को उनके घर आने के टाइम से जज किया जाता है। अगर कोई महिला घर देर से आती है तो उसे गंदा, बुरा और बेशर्म जैसे अभद्र शब्दों से पुकारा जाता है। लेकिन आदमियों पर यह चीज अप्लाई नहीं होती।
रेप के मामले में भी लोग सबसे पहले यही सवाल करते हैं कि आखिर वह अपनी देर रात तक बाहर क्यों थी। महिलाएं अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीने के लिए आजाद है। रेप का कारण आपके लड़के हैं। इसलिए अपने लड़कों को घर में बंद करिए लड़कियों को नहीं।
5. कैजुअल रिलेशनशिप
समाज को महिलाओं के कैजुअल रिलेशनशिप बरदाश ही नहीं होती है। उनके लिए एक महिला केवल शादी के रिश्ते में ही बंध सकती है। समाज के हिसाब से एक महिला को शादी करके अपने बच्चे और परिवार का ध्यान देना चाहिए। कैजुअल रिलेशनशिप में आने वाली महिलाएं बेशर्म और गंदी होती हैं।