Women Should Never Feel Sorry For These Things : हम औरतों को सदैव बताया गया है की हमें क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए परंतु शायद ही कभी हमसे हमारी राय पूछी जाती हैI ऐसे में अपने प्राथमिकता को सर्वप्रथम रखने से, अपने खुद के भलाई के बारे में सोचने से हम बुरे नहीं बन जाते हैंI
महिलाओं को किन बातों का पछतावा नहीं होनी चाहिए
1. उम्र से बड़े किसी व्यक्ति को सही गलत की सीख देने से
समाज में आज भी रूढ़िवाद एवं अनाचार होते रहते है और इसको बढ़ावा हमारे बड़े ही देते हैंI यह सोचकर कि यही सही है और यही चलता आया है परंतु कभी ना कभी इसपर रोक लगाना आवश्यक है और इसके लिए हमें ही पहल करनी चाहिएI यह बताकर कि हर मनुष्य समान है और उनको समान रूप से सम्मान एवं अवसर मिलना चाहिए और यदि जरूरत पड़े तो यह बात उनके आंखों में आंखें डाल कर, साहस के साथ कहनी चाहिएI इसमें कोई बुराई नहीं और खुद की सम्मान की बात करने में किसी का असम्मान नहीं होताI
2. हमारे जीवन के फैसले खुद लेने में
यह बात ज़रूर है की हमें हमारे माता-पिता खिलाते है, पढ़ाते है और हमारी हर एक छोटी-बड़ी ज़रूरत का ख्याल रखते हैI साफ शब्दों में वह हमें पाल-पोस कर बड़ा करते है लेकिन किस लिए? ताकि एक दिन हम सक्षम बने और खुद का ध्यान खुद रख सके उनका हमें लेकर परेशान होना जायज है या हमें किसी बात पर मशवरा देना भी जायज है परंतु हमारे जीवन के महत्वपूर्ण फैसले लेना यह हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि इस जीवन को हमें जीना हैI हम भविष्य में क्या बनेंगे? क्या पड़ेंगे? या कब कहा, किसके साथ अपना जीवन बिताएंगे? इसका निश्चय हमें ही करना हैंI
3. अपने पहनावे से ना शर्माना
औरत चाहे घर पर हो या घर के बाहर, कुछ आंखें हमेशा एक औरत के कपड़ों की साइज पर जाकर रुकती हैI घरवाले सोचते है कि यदि लड़की ने छोटे कपड़े पहने हो तो समाज हमारी ही बेटी को ताने देगा और समाज सोचता है कि अवश्य लड़की के चरित्र में खोट होगाI परंतु जिन्होंने अनैतिक इरादे से हम पर दृष्टि डाली उनका कोई दोष नहीं? ऐसे में जो कपड़े हमें आरामदायक लगे या जिन कपड़ों में हमारा आत्मविश्वास निखर आए उन कपड़ों में हमें कभी भी शर्मिंदगी महसूस नहीं होनी चाहिएI
4. खुद पर गर्व करना
जिस आकृति के साथ हमने जन्म लिया है हमें सदा ही उसके साथ अंत तक रहना हैI सुंदरता के पैमाने तो यह ज़माना तय करता है परंतु विधाता ने कभी भी किसी के रूप या आकार में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया तो मनुष्य को यह अधिकार किसने दिया? हमारा हक है कि हम जैसे हैं वैसे ही समाज में सिर उठाकर जिए और हमारे सूरत एवं शरीर पर हमें गर्व होI
5. मनचाहा भविष्य चुनने का
वह दिन गए जब लोग कहते थे कि "लड़कियां यह नहीं कर सकती, वह नहीं कर सकती" आज लड़कियां चांद पर भी जा रही है, दंगल के अखाड़े में अपना जलवा भी दिखा रही है और हर उस फील्ड में जहां पर लोग सोचते हैं की केवल लड़के ही टिक सकते हैं वहां खुद को साबित भी कर रही हैI तो हमें दूसरों की बातों में ना आकर, उन्हीं लड़कियों से प्रेरित होकर, हमारे सपने, हमारी आशाओं पर ध्यान देना चाहिएI ना कि यह सोचना चाहिए कि "लोग क्या कहेंगे?" क्योंकि आगे चलकर तरक्की हमें ही करनी हैI