7 signs of gaslighting: जब कोई व्यक्ति या जान समूह आपको आपके अस्तित्व पे सवाल उठाने को मजबूर करदे या आपको आपके परेशानियों को बताने के लिए बुरा महसूस कराने लगे, आपकी भावनाओ की इज़्ज़त न करे और आपको बार बार दोषी ठहराते रहे , इसे अक्सर गैसलाइटिंग के लक्षण कहे जाते है। आजकल के डेटिंग कल्चर में यह एक बहुत आम अवधि हो गयी है।
Gaslighting: गैसलाइटिंग के 7 लक्षण
आइये बात करे कुछ और ऐसे लक्षणों के बारे में जिससे पता चल सकता है की आप गैसलाइटिंग का शिकार होरहे है या नहीं।
1. आपकी भावनाओं को अस्वीकार करता है
अगर आप अपनी परेशानियों को अभिव्यक्त करने की कोशिश करने जाते है , तोह अक्सर वो एक बेहेस में बदल जाती है |अगर आपके साथ बार बार ऐसा होता है की आप आपने पार्टनर के पास उन्हें उनके किसी ऐसी बात के बारे में बताने जाओ जिससे आपको तकलीफ या दुःख का अनुभव हुआ है और आपको अपना दर्द अभिव्यक्त करने पे बुरा महसूस कराया गया है, आपको कहा गया है की गलती सारी आपकी ही थी और वो इसके लिए ज़िम्मेदारी नहीं उठाएंगे, तोह हो सकता है की आपके साथ गैसलाइटिंग होरही है।
2. आप अक्सर आत्म संदेह में रहते है
बार बार अपनी भावनाओ और अपेक्षाओं को गिरते हुए देख , मन में यह सोच आना बहुत ही सामान्य बात है की शायद गलती आपकी ही होगी। यह सोच गलत होती है क्यूंकि इससे आप अपने रिश्ते में और नीचे गिरते रहते है।
3. विवादों में वो आपको बोलने नहीं देते
कपल्स में बेहेस और विवाद होना बहुत ही सामान्य बात होती है किन्तु अगर आपका पार्टनर विवाद सुलझाने के बजाये उसे बढ़ाये जाते है और आपको बोलने का मौका नहीं देते रहते है तोह आप गैसलाइट होरहे हैं। ऐसे झगड़ो में दोनों तरफ की बात सुनना बहुत ही आवश्यक होता है, आपका पार्टनर अगर आपको अपनी बात ना रखने दे तो यह बातें आपके मन में रह कर गृह्णा और असंतोष की भावना ला सकती है जो की आपके रिश्ते के लिए हानिकारक हो सकता ह।
4. वो आपसे माफ़ी नहीं मांगते
अगर किसी झगडे के दौरान वो आपको बोहत कुछ बुरा भला बोल दे और बाद में आपसे माफ़ी भी मांगने नहीं आते है तोः यह भी गैसलाइटिंग के लक्षण हैं। आपको आहत करने के बाद भी वो आपसे माफ़ी नहीं मांगते तो उन्हें आपके भावनाओ की कदर नहीं हो सकती है ।
5. अनबन के बाद अकसर आप माफ़ी मांगते हो
अधिकतर झगड़ो के बाद अगर सिर्फ आप अपने पार्टनर से माफ़ी मांगते जारहे हो, और आपके पार्टनर को इसमें कुछ गलत नहीं लगरहा हो, तो आप गैसलाइटिंग के शिकार होरहे हो। स्वस्थ्य संभंधो में ऐसा नहीं होता है, उसमे दोनों अपने कार्रवाई के उत्तरदायी होते ह।
6. हर चीज़ के दोषी आप
अगर आप दोनों साथ में कोई भी बुरा वक़्त या परिस्थिति देख रहे होते हैं तो अकसर उसके ज़िम्मेदार वो आपको ठहरा देते ह। आपको बुरा बना देते है और आपको ऐसा महसूस करते है की वह सब आपकी गलती और हरकत की ही वजह से होरहा होता है।
7.अपने व्यवहार को दोहराते रहते हैं
उन्हें अपने क्रिया में कोई परिवर्तन करने की आवश्यकता नहीं महसूस होती | ऐसे लोगो को यही लगता है की वो सही हैं और सारी परेशानियों के उत्तरदायी वो नहीं हैं , इसलिए उन्हें आपने क्रिया में परिवर्तन करना ज़रूरी नहीं लगता और वो अपनी यही सारी हरकतें दोहराते रहते है , आगे वाले व्यक्ति को गलत ठहराते हुए और उन्हें गैसलाइट करते हुए।
सूचना : इस आलेख को केवल संपादित किया गया है। मौलिक लेखन आयुषी झा का है।