How Being Emotionally Mature Is Important In Relationship: रिश्ते को लॉन्ग टर्म और खुशहाल बनाने के लिए आपको अपने और पार्टनर के इमोशंस के साथ डील करना आना चाहिए। जब कोई भी व्यक्ति इसमें पीछे छूट जाता है तब उसका रिश्ता कमजोर होने लग जाता है और उसमें दूरियां आने लग जाती हैं। इसके साथ ही वो अपने इमोशंस को रेगुलेट नहीं कर पाते हैं। उन्हें समझ नहीं आता है कि अपने इमोशंस पर काबू कैसे पाना है जिसके कारण वो छोटी सी बात को भी इतना बड़ा बना देते हैं और बाद में उस बात के लिए माफी भी नहीं मांगते हैं। यह एक अब्युजिव रिश्ते जैसा है जब आपके पार्टनर में इमोशनल इंटेलिजेंस की कमी होती है। आईए जानते हैं कि यह क्यों होना चाहिए-
जानें रिश्ते में Emotionally Mature होना कितना जरूरी?
खुद की गलतियों की जिम्मेदारी उठाना
जिस भी रिश्ते में इमोशनल इंटेलिजेंस होती है तब आप उसमें अपनी गलतियों का बोझ दूसरों के ऊपर नहीं डालते हैं। आप अपनी गलतियों का दोष दूसरे को नहीं देते हैं कि जैसे तुम्हारी वजह से मैंने ऐसा किया या अगर तुमने ऐसा न किया होता तो मैं ऐसे रिएक्ट नहीं करता। आप अपने एक्शंस के लिए जिम्मेदार होते हैं और उसके लिए किसी दूसरे को ब्लेम नहीं करते हैं।
अपने पार्टनर की फीलिंग्स को समझना
इमोशनल इंटेलिजेंस आने से आप अपने पार्टनर की फिलिंग्स को समझने लग जाते हैं। आपको पार्टनर को बोलकर नहीं बताना पड़ता है कि वह क्या फील कर रहा है। आप उनके बिहेवियर या फिर एटीट्यूड से समझ जाते हैं कि उसे अब किस चीज की जरूरत है जिससे आपके बीच में एक बॉन्ड और इंटिमेसी आती है जो आपके रिश्ते के लिए खूबसूरत है। आप समझते हैं कि रिलेशनशिप में जटिलताएं होती हैं लेकिन कुछ भी संभव नहीं है।
समस्याओं से भागते नहीं
इससे बड़ी बच्चों जैसी बात नहीं हो सकती है जब आप रिलेशनशिप में आने वाली समस्याओं से डर जाते हैं और उनसे दूर भागने लगते हैं। एक बात आपको जरूर समझनी होगी जो आपके रिश्ते के लिए भी है और आप अपनी पर्सनल लाइफ पर भी इसे जरूर अप्लाई कीजिए कि समस्या कभी भागने से खत्म नहीं होती है। उसके बीच में रहना पड़ता है और उनका सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही जिम्मेदारी भी उठानी पड़ती है तब ही वह जड़ से खत्म होती है नहीं तो वह आज रुक जाएगी लेकिन कुछ समय बाद आपको फिर उसका सामना करना ही पड़ेगा।
जज नहीं करते
इमोशनली मेच्योर पार्टनर कभी भी आपको आपकी च्वाइस और डिसीजन के लिए जज नहीं करता है। वह यह जानता है कि हम सब यूनिक है और हमारी पसंद अलग हो सकती है और इसमें कुछ भी बुरा नहीं है, इसके लिए वह आपको शर्मिंदा या गिल्ट महसूस नहीं करवाता है। वह आपकी उस बात के लिए रिस्पेक्ट करता है अभी अगर वो इमोशनली मैच्योर नहीं तब वो आपकी चॉइस और डिसीजंस के लिए नीचा महसूस करवाएगा। वह हमेशा खुद को ही सही साबित करने की कोशिश करेगा कि जैसा मैं सोचता हूं या करता हूं वही तरीका सही है।
बाउंड्रीज की रिस्पेक्ट करते हैं
रिलेशनशिप हो या कोई और रिश्ता बाउंडरीज़ का होना बहुत जरूरी है, इससे आपके रिश्ते में एक लिमिट बनी रहती है। आप दूसरों की सेल्फ रिस्पेक्ट को ठेस नहीं पहुंचाते हैं। इमोशनली मेच्योर पार्टनर कभी भी इस बात को नजरअंदाज नहीं करता है। वह हमेशा इस बात को निश्चित करता है कि मेरे पार्टनर की प्राइवेसी या फिर बाउंड्रीज को क्रॉस मत करो और हमेशा अपने दायरे में रहकर ही उनकी वेलबींइग के बारे में सोचो। वह खुद के लिए भी बाउंड्रीज क्रिएट करता है और जो पार्टनर के द्वारा बाउंड्रीज बनाई गई है उनकी भी वैल्यू करता है।