Daughter-Father Bond: आपने अकसर जरूर देखा होगा कि बेटियां अपने पिता से बहुत करीब होती हैं। वैसे तो माता-पिता के लिए सभी बच्चें एक समान होते हैं और उनका प्यार सभी बच्चों के लिए एक बराबर होता हैलेकिन फिर भी कहा जाता है की सभी पिता का प्यार उनकी बेटी के लिए ज्यादा होता है साथ ही उनकी बॉन्डिंग कुछ अलग ही स्ट्रांग होता है।
बेटियों के बिना सब कुछ सूना लगता है। कहा जाता है कि बेटियां घर की रौनक होती हैं और जब बेटियां घर छोड़कर अपने ससुराल जाती हैं तो उनके साथ उनके पिता की रौनक और चमक भी फीकी पड़ जाती है। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बेटी के जीवन में जिस पहले पुरूष का स्पर्श या दखल होता है तो वह उनके पिता का होता है। इस कारण बेटियों के लिए उनके पिता उनकी जान से भी बढ़कर होते हैं और हर एक पिता बेटी का पिता बनकर खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं।
पिता अपनी बेटी को गैर-वित्तीय रूप से कैसे सपोर्ट करें
1. अंदर आत्मविश्वास जगाएं
हर एक पिता अपनी बेटी को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं। आप अपनी बेटी का आत्मविश्वास बढ़ाएं जिसके कारण वे अपने लक्ष्य को आसानी से पा सकेंगी। आत्मविश्वास जगाने से वे अपने जीवन में अच्छा करेंगी, जिससे उन्हें कभी भी किसी प्रकार की दिक्कतें या परेशानियां का सामना बिना डरे करना आएगा। वह अपनी बात को सामने रखकर बात कर सकेंगी और निडरपूर्वक अपने पक्ष को सबके सामने हमेशा रख सकेंगी।
2. उसे अपने निर्णय लेने दें
कभी भी आप अपना निर्णय अपनी बेटी को न सुनाएं। उन्हें अपना निर्णय खुद से लेने दें जिससे उन्हें सही या गलत की समझ होगी। एक दो बार गलत निर्णय लेकर उन्हें उनकी गलती का एहसास होगा। उसके बाद धीरे-धीरे वे सही निर्णय लेने लगेंगी। इसलिए एक समय आने के बाद अपनी बेटी को उनका निर्णय खुद लेने दें।
3. करियर और जीवन साथी चुनने की आज़ादी दें
आज के युग में सभी को अपना करियर और जीवनसाथी चुनने का अधिकार होता है। आप अपनी बेटी को उनका मनपसंद करियर और जीवन साथी चुनने दें जिसे उन्हें खुशी मिलेगी। हमेशा अपने बेटी का बैक सपोर्ट बने जिसके कारण उन्हें लगेगा कि उनके पिता हमेशा उनके साथ है चाहें हालात सही-गलत हों या फिर अच्छा-बुरा समय हो।
4. स्वतंत्र और मजबूत बनाएं
हमेशा अपनी बेटी को मजबूत और स्वतंत्र बनाएं जिसके कारण उन्हें आजादी महसूस होगी और वे अपना जीवन खुशी और शांति से बिताएंगी। मजबूत बनने से कोई भी मनुष्य उन्हें रुला नहीं सकेगा और साथ ही वे सही गलत की समझ रख पाएंगी। एक स्वतंत्र व्यक्ति हमेशा बुरे कामों से बचता है और अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने की सोचता है।
5. सही गलत की समझ सिखाएं
हमेशा अपनी बेटी को सही गलत की समझ सिखाएं जिससे उन्हें कभी कोई परेशानी या फिर दिक्कत नहीं होगी। सही गलत की समझ से वह अपने जीवन के डिसीजन सही तरह ले पाएंगी, साथ ही हर एक मनुष्य और कार्य को समझेंगी। सही गलत की समझ होने से उनके जीवन में परेशानियां कम आएंगी।