How To Secure Your Future After Divorce: तलाक एक ऐसा शब्द है जो किसी को भी परेशान कर सकता है। कई बार कुछ कारणों से ऐसी परिस्थितियाँ आती हैं, जिनकी वजह से पति-पत्नी का साथ रहना मुमकिन नहीं होता। हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि तलाक लेने की नौबत आ जाती है। लेकिन, तलाक का डिसिजन लेने से पहले आपको मेंटली (Mentally) और फाइनेंशियल (Financially) रूप से तैयार होना चाहिए। थोड़ी समझदारी और सूझबूझ के साथ तलाक के बाद भी लाइफ की नई शुरुआत की जा सकती है। खासतौर पर महिलाओं को फाइनेंशियल रूप से तैयार होना जरूरी है, जिसके लिए सही योजना बनाना जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि तलाक के बाद महिलाएं अपने फ्यूचर को कैसे सुरक्षित रख सकती हैं।
तलाक के बाद ऐसे करें अपना फ्यूचर सुरक्षित
अकाउंट अपडेट करें
तलाक के बाद अधिकतर महिलाएं अपना नाम बदल लेती हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि वे अपने आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड में नाम और पता सही कराएं। इसके अलावा, बैंक, बीमा कंपनियों, क्रेडिट कार्ड कंपनियों और बच्चों के स्कूलों को सूचित करें। कई बार कपल्स बैंक में ज्वाइंट अकाउंट भी खुलवाते हैं, तलाक के बाद इस खाते को अलग करना न भूलें। खाते से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त करें और बैंक के जरूरी काम करना सीखें।
अधिकारों को जानें
तलाक एक महिला को केवल फिजिकली ही नहीं, बल्कि इमोशनल रूप से भी प्रभावित करता है। ऐसे में सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। तलाक के बाद अपनी लाइफ को सुरक्षित बनाना और अपने खर्चों का प्रबंधन कैसे करना है, यह समझना बहुत जरूरी है। कई बार पुरुष तलाक के बाद महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित कर देते हैं। अधिकांश महिलाएं अपने अधिकारों के बारे में अनजान होती हैं, जिसके कारण उन्हें जीवनभर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए, तलाक लेने से पहले अपने अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें। अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए किसी अच्छे वकील या विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है।
गुजारा-भत्ता लें
भारत में अधिकतर महिलाएं तलाक के बाद अपने पति से किसी प्रकार की सहायता नहीं लेतीं। लेकिन यह जानना आवश्यक है कि तलाक के बाद महिलाएं संपत्ति और निवेश में हिस्सेदारी के साथ-साथ गुजारा-भत्ते की भी हकदार होती हैं। महिला को दिया जाने वाला गुजारा-भत्ता कोर्ट द्वारा निर्धारित किया जाता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि महिला कामकाजी है या नहीं और उसके परिवार की फाइनेंशियल स्थिति क्या है। गुजारा-भत्ता मिलने से न केवल फाइनेंशियली सहारा मिलता है, बल्कि कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है। इसकी सही जानकारी किसी विशेषज्ञ से अवश्य लेनी चाहिए।
फाइनेंशियली खुद को मजबूत करें
तलाक के बाद, जब महिलाएं अपने पति से अलग हो जाती हैं, तो उन्हें अपने फ्यूचर को सुरक्षित करने के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग की जरूरत होती है। एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि महिलाओं को सबसे पहले अपने खर्चों और इनकम का हिसाब करना चाहिए ताकि वे अपने फाइनेंस को सही तरीके से प्रबंधित कर सकें। कई बार खर्चे अधिक होते हैं और इनकम कम। ऐसी स्थिति में, महिलाओं के लिए नई नौकरी या काम शुरू करना जरूरी हो जाता है। इसके अलावा, एक इमरजेंसी फंड तैयार करें ताकि फ्यूचर में कई तरह की समस्या आ सकती है।
प्रॉपर्टी से जुड़े डॉक्यूमेंट्स अलग करें
तलाक के तुरंत बाद संपत्ति के बारे में सोचना सही समय नहीं होता, लेकिन यदि पति या पत्नी ने अपनी वसीयत, बीमा, पीपीएफ, एफडी और पॉवर ऑफ अटॉर्नी जैसे दस्तावेजों में साथी का नाम लिखा है, तो तलाक के बाद इन्हें अपडेट करना जरूरी है। इन दस्तावेजों को अपडेट करने के लिए यह जरूरी है कि आप पहले से वकील, बैंक और बीमा कंपनी को सूचित करें।
बच्चों की कस्टडी लें
तलाक के बाद अधिकतर मामलों में बच्चों की कस्टडी (Custody) मां को ही सौंपी जाती है। विशेषकर नाबालिग बच्चों की जिम्मेदारी मां को दी जाती है। ऐसी स्थिति में तलाकशुदा महिलाओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नाबालिग बच्चों को रिटायरमेंट खाते और जीवन बीमा पॉलिसी से मिलने वाले कवरेज का फायदा मिल सके। बच्चों का फ्यूचर सुरक्षित करने के लिए यह कदम जरूरी है।
सपने पूरे करें
शादी से पहले हर महिला के पास कुछ बनने या करने की इच्छा होती है, लेकिन शादी की जिम्मेदारियों के चलते वह अपने सपनों को पूरा नहीं कर पातीं। तलाक के बाद महिलाओं को अपने अधूरे सपनों को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए। अपनी रुचियों को आगे बढ़ाएं, कुछ नया सीखें या अपनी पढ़ाई पूरी करें। कई बार आपकी शौक ही आपके फ्यूचर को सुरक्षित बनाने में मदद कर सकते हैं।