Widowhood Effect: पति-पत्नी का रिश्ता एक-दूसरे के लिए बहुत जरूरी होता है। इसका मजबूत होना भी बहुत जरूरी होता है लेकिन जब अचानक जीवनसाथी की मत्यु हो जाए तो दूसरे का स्वास्थ्य खराब होना शुरु हो जाता है। इसी को साइंटिफिक भाषा में नाम दिया गया है विडोहुड इफेक्ट । विडोहुड इफेक्ट एक तरह से जीवनसाथी के जाने के बाद दूसरे साथी की कम अंतराल में जल्दी मृत्यु की संभावना है।
किसी एक का दुनिया को छोड़कर चले जाना दूसरे पर विपरीत असर डालता है। जीवनसाथी की मृत्यु कई बार दूसरे के लिए जानलेवा साबित हो जाती है। कई शोधो के माध्यम से पता चलता है कि एक पुरुष की जिंदगी में उसकी पत्नी के जाने से पुरुष पर विडोहुड इफेक्ट ज्यादा देखा गया है बजाए पत्नी के जीवन से पति का जाना।
दरअसल पति-पत्नी का जीवन एक-दूसरे से बहुत मजबूती से जुड़ा होता है। ऐसे में जब कोई एक इस दुनिया से जल्दी चला जाता है तो दूसरा इमोशनली और फिजीकली टूट जाता है, जिससे उसके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ने लग जाता है। यही कारण है कि फिर दूसरा भी ज्यादा दिन तक दुनिया में नहीं रह पाता और मृत्यु हो जाती है।
विडोहुड इफेक्ट से कैसे बचें
विडोहुड इफेक्ट को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं, आइए जानें :-
अपने को व्यस्त रखें
बार-बार साथी का याद आना स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। ऐसे में जीवनसाथी की यादों को दूर करने के लिए जरूरी है व्यस्त रहें। व्यस्त रहने से कम-से-कम याद न केवल दिनचर्या को ठीक रखेगी बल्कि स्वास्थ्य पर जीवनसाथी की याद बुरा असर नहीं डाल पाएंगी।
सोशल रहें
जीवनसाथी से जुड़ा गम दूर करने के लिए एक सोशल सर्कल बनाएं। इससे आपको और लोगों की सहानुभूति मिलती रहेगी जिससे आपको जीवनसाथी की कम याद आएगी। एक अच्छा सोशल सर्कल गमों को दूर करने में काफी मदद करेगा।
पालतू जानवर पालें
कई शोधों से पता चला है कि पालतू जानवर के होने से हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य काफी सही रहता है। ऐसे में जीवनसाथी की कमी को दूर करने के लिए किसी पालतू जानवर को पाला जा सकता है। इससे स्थितियां बेहतर होने में मदद मिलती है।
कूकिंग और अन्य स्किल सीखें
साथी के जाने से एक बड़ी कमी ये महसूस होती है कि जो साथी करता है वो आपको न आना। ऐसे में बेहतर है आप नई-नई स्किल्स सीखें। कुकिंग औॅर अन्य चीजें सीखने से आपको जीवनसाथी की कमी नहीं खलेगी।
इस तरह जीवनसाथी की कमी को दूर किया जा सकता है। विडोवुड इफेक्ट के दुष्प्रभाव ये भी है कि इससे दूसरा पार्टनर अपनी दिनचर्या का ख्याल नहीं रखता, अकेला रहने लगता है, मिलता-जुलता नहीं और हर समय गम में रहता है आदि। ये पार्टनर के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो जाता है। कई शोधों से ये भी पता चला है कि जीवनसाथी के जाने से हार्ट के स्वास्थ्य पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है जिससे हार्ट अटैक के खतरे बढ़ जाते हैं। ऐसे में जरूरी है काउंसलर से पीड़ित व्यक्ति को मिलवाएं और जल्द से जल्द उपचार करांए।