Is Feeling Insecure in a Relationship Normal?: रिश्तों में इनसिक्योरिटी एक आम अनुभव है जो किसी भी रिश्ते में महसूस हो सकता है, चाहे वह पार्टनर हो, दोस्ती हो, या फिर पारिवारिक संबंध हो। यह भाव तब उत्पन्न होता है जब हमें ऐसा लगता है कि हम रिश्ते में अपने पार्टनर के लिए उतने महत्वपूर्ण नहीं हैं, या कि किसी भी कारण से हमारा रिश्ता खो सकता है। यह भावना किसी व्यक्ति के आत्म-सम्मान, विश्वास, और मानसिक स्थिरता को प्रभावित कर सकती है। यह भावना किसी के अतीत के अनुभवों, जैसे धोखा, विश्वासघात, या उपेक्षा का परिणाम हो सकती है। आइए जानते है आखिर इनसिक्यो होने के पीछे के कारण और इससे दूर करने के कुछ तरीके।
इनसिक्योर फील करने के 5 कारण
1. अतीत के नकारात्मक अनुभव
अगर किसी ने पहले धोखा, अविश्वास या किसी प्रकार की नकारात्मकता का सामना किया हो, तो अगले रिश्ते में भी उसे वही डर सताने लगता है। पहले के नकारात्मक अनुभव की वजह से हमारे दिमाग में एक मानसिक छवि बन जाती है कि हर रिश्ता वैसा ही होगा, जो कि नए रिश्ते में इनसिक्योरिटी का कारण बन सकता है।
2. आत्म-सम्मान की कमी
जब किसी व्यक्ति का आत्म-सम्मान कम होता है, तो वह खुद को रिश्ते के लायक नहीं मानता। ऐसे लोग सोचते हैं कि उनके पार्टनर को उनसे बेहतर कोई और मिल सकता है। आत्म-सम्मान की कमी से व्यक्ति अपने बारे में नकारात्मक धारणा बना लेता है और खुद पर विश्वास नहीं रख पाता, जिससे रिश्ते में असुरक्षा का भाव बढ़ता है।
3. संचार की कमी
एक अच्छे रिश्ते के लिए संवाद बहुत आवश्यक है। अगर रिश्ते में पर्याप्त संवाद नहीं हो रहा है, तो गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं। पार्टनर के विचारों और भावनाओं को समझने में कठिनाई होती है, जिससे असुरक्षा का भाव बढ़ सकता है।
4. बदलते जीवन की परिस्थितियाँ
जैसे-जैसे जीवन में बदलाव आते हैं, जैसे कि नौकरी बदलना, नई जगह पर जाना, या नई जिम्मेदारियाँ लेना, वैसे-वैसे व्यक्ति में अनिश्चितता का भाव बढ़ सकता है। इस स्थिति में, व्यक्ति को लगता है कि उसके रिश्ते पर इन बदलावों का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
5. दूसरों से तुलना करना
सोशल मीडिया और समाज में अन्य रिश्तों को देखकर अक्सर हम अपने रिश्ते की तुलना करने लगते हैं। इस तुलना की वजह से हमें लगता है कि शायद हमारा रिश्ता उतना मजबूत या खूबसूरत नहीं है, जिससे इनसिक्योरिटी का भाव पैदा हो सकता है।
इनसिक्योरिटी को दूर करने के तरीके
1. खुद को समझें और स्वीकार करें
आत्म-स्वीकृति रिश्ते में असुरक्षा को कम करने में सहायक होती है। अपनी कमजोरियों और अच्छाइयों को पहचानें और खुद को वैसे ही स्वीकार करें जैसे आप हैं। यह आपके आत्म-सम्मान को बढ़ाएगा और आपको खुद पर भरोसा करना सिखाएगा।
2. कम्युनिकेशन को बेहतर बनाएं
रिश्ते में कम्युनिकेशन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिससे रिश्ता और भी मजबूत बनता है। पार्टनर से ईमानदारी और खुलेपन के साथ बातचीत करें। अपनी भावनाओं और चिंताओं को शेयर करने से रिश्ते में विश्वास बढ़ता है और गलतफहमियों को दूर किया जा सकता है।
3. पार्टनर पर भरोसा रखें
एक अच्छे रिश्ते की नींव विश्वास पर टिकी होती है। बिना वजह शक करने से रिश्ते में खटास पैदा होती है। पार्टनर के प्रति विश्वास रखें और रिश्ते में स्थिरता बनाए रखें। जब पार्टनर के बीच भरोसा होता है रिश्ता बेहतर तरह और लॉन्ग टर्म तक तक चलता रहता है।
4. अपने आप को व्यस्त रखें
अपने जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए अपने शौक, काम, और दोस्तों के साथ भी समय बिताएं। खुद के साथ समय बिताने से और अपने व्यक्तित्व को निखारने से इनसिक्योरिटी कम होती है। खुद को व्यस्त रखने से हमारा मन इधर-उधर नहीं भटकता जिससे हमारे मन में इन सिक्योरिटी की भावना उत्पन्न नहीं होती।
5. नकारात्मक सोच से बाहर निकलें
खुद के प्रति नकारात्मक सोच से बाहर आएं। सकारात्मक सोच विकसित करें और खुद पर भरोसा रखें। सकारात्मक सोच से आपके रिश्ते में भी सकारात्मकता आएगी और इनसिक्योरिटी दूर होगी। नेगेटिविटी होने के कारण हमारा रिश्ता बुरी तरीके से प्रभावित होता है जिससे वह लॉन्ग टर्म तक नहीं चल पाता।