Insecurities in relationship:- रिलेशनशिप प्यार और भरोसे पर चलता है लेकिन जब इसमें डर और असुरक्षा आ जाएं तब रिलेशन में खट्टास आ जाती है और यह टूटने लग जाता है। आज के इस ब्लॉग में जानेंगे क्या कारणों की वजह से एक रिश्ते में असुरक्षा आ जाती है और कैसे इस को दूर किया जा सकता है।
रिलेशनशिप में Insecurities के क्या कारण हो सकते है और कैसे करें दूर
रिश्ते में असुरक्षाएं के कई कारण हो सकते है जैसे गुजरे हुए समय के अनुभव, आत्म-सम्मान की कमी और अच्छे से बातचीत का न होना शामिल हैं। यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि ये असुरक्षाएं आपका रिश्ता कितना गहरा और कच्चा यह नहीं बताती। अगर इन्हें पहचान लिया जाएं तो इनको खत्म किया जा सकता है
विश्वास और बातचीत है जरूरी
कोई भी रिश्ता हो विश्वास पर चलता है लेकिन जब एक दूसरे पर विश्वास ही न हो तब असुरक्षा पैदा होती है। इसलिए एक दूसरे को समझिए एक साथ समय व्यतीत करें इसके लिए आपको बातचीत करनी होगी। इससे आप में जो भी दूरिया है वह खत्म होंगी जिससे आपका बॉंड स्ट्रांग होगा आप एक दूसरे की स्थिति को समझने लगेंगे।
आत्म-सम्मान और आत्म-मूल्य
रिश्ते में आत्म सम्मान को कभी भी दांव पर लगाया जा सकता है जिसमें आपके अस्तित्व का मजाक उड़ाया जाए वह रिश्ता टॉक्सिक होता है। रिश्ते को बचने इसे दांव पर मत लगाए। आप प्यार और आदर की हक़दार है। इसलिए अपने अंदर आत्म-करुणा विकसित करें और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने और एक सुरक्षित रिश्ते के लिए एक ठोस आधार बनाने के लिए नकारात्मक आत्म-चर्चा को चुनौती दें।।
पुराने जख्मों को भरे
कई बार ज़िन्दगी में पुराणी चोटें हमें आगे नहीं बढ़नी देती इसलिए सबसे पहले उन्हें भरे। इसलिए उन्हें भरने की कोशिश करें। इसके लिए आप थेरेपी, जर्नलिंग या किसी भरोसेमंद दोस्त से बात कर सकते है। ऐसा करने से आप इसे वर्तमान रिश्ते पर हावी होने से रोक सकते हैं।
अपना अस्तित्व बरकरार रखें
रिलेशन में कभी अपने अस्तित्व को खत्म मत होने दे। आपका आदर और सम्मान बहुत जरूरी है। यह बिलकुल जरूरी नहीं आपको रिश्ता बचने के लिए अपनी इज्जत दांव पर लगानी पड़े।
भावनाओं को समझे
जब पार्टनर्स एक दूसरे की भावनाओं को समझगे तब उनका रिश्ता स्ट्रांग होगा। एक ऐसा माहौल तैयार करें जिसमें खुलकर बात हो सके। अपनी भावनाओं, डर और जरूरतों को अपने साथी के साथ खुलकर व्यक्त करें और उन्हें भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें।
एक दूसरे की सपोर्ट करें
रिश्ता ऐसा हो कि दोनों पार्टनर एक दूसरे की सपोर्ट करें। आप एक दूसरे का विकास करें उन्हें समझे और प्रोत्साहन दे।एक दूसरे को सलाह दे, अपनी चिंताएँ साझा करें और अपने विचार पेश करें।