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One-Sided Relationship: जानें एकतरफा रिश्ते के क्या लक्षण हैं?

अब कुछ रिलेशनशिप ऐसे होते हैं जिसमें सिर्फ एक पार्टनर करता ही जा रहा है क्योंकि उसे डर है कि कहीं यह रिश्ता टूट न जाए लेकिन ऐसे रिश्ते में रहने का कोई फायदा नहीं है। चलिए जानते हैं किन लक्षणों से पता चलता है कि रिश्ता एकतरफा है

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Rajveer Kaur
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One-sided Relationship:

(Image Credit: Freepik)

Signs Of One Sided Relationship: जब दो लोग फिजिकली, मेंटली और इमोशनली एक दूसरे के साथ कनेक्ट होते हैं तब हम उसे रिलेशनशिप का नाम देते हैं। उन दोनों का कोई भी काम तब तक पूरा नहीं होता जब तक वो दोनों समान रूप से शामिल नहीं होते हैं। अब कुछ रिलेशनशिप ऐसे होते हैं जिसमें सिर्फ एक पार्टनर करता ही जा रहा है क्योंकि उसे डर है कि कहीं यह रिश्ता टूट न जाए लेकिन ऐसे रिश्ते में रहने का कोई फायदा नहीं है। यह आपके अंदर से खोखला कर देगा। आपको लगेगा कि शायद मुझ में ही कोई कमी है जबकि रिश्ते में आपका पार्टनर आपकी वैल्यू नहीं कर रहा है। चलिए जानते हैं किन लक्षणों से पता चलता है कि रिश्ता एकतरफा है-

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जानें एकतरफा रिश्ते के क्या लक्षण हैं?

एक पार्टनर सब कुछ कर रहा है

एक तरफ रिश्ते की सबसे बड़ी निशानी यह है कि सब कुछ एक पार्टनर ही कर रहा है चाहे कोई भी बात करनी है, कुछ प्लान करना है या फिर जरूरी तारीख को याद रखना है। एक पार्टनर ही अपने साथ-साथ दूसरे पार्टनर की जिम्मेदारियां को भी निभाता चला जा रहा है। उसे इस बात का एहसास भी नहीं है कि वह सब कुछ अकेले कर रहा है और रिश्ते का भार सिर्फ उसकी उसके ऊपर ही है।

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आप खुद को बोझ समझते हैं

पार्टनर की आपके तरफ कोई भी दिलचस्पी नहीं होती, वह आपको समय बहु नहीं देता और आपको कभी स्पेशल भी फील नहीं करवाता है। आपको हर बात पर इग्नोर किया जाता है। इससे आप खुद को बोझ समझने लग जाते हैं। आपको लगता है कि कहीं मेरे में ही कुछ कमी तो नहीं है। आपको लगता है कि शायद अब मैं अपने पार्टनर को खुश नहीं रख पा रही हूं और उनके लिए बोझ बनती जा रही हूं। अगर आपको ऐसा लग रहा है तो आप एकतरफा रिश्ते में हो सकते हैं

आपका ओपिनियन नहीं लिया जाता

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 पार्टनर की तरफ से आपके ओपिनियन की वैल्यू ही नहीं की जाती है। आपके साथ ज्यादातर ऐसे ही होता है कि वो आपका ओपिनियन लेते ही नहीं हैं। हर चीज का फैसला आपके ओपिनियन के बिना ही ले लिया जाता है। दूसरा, अगर आप अपना ओपिनियन देने की भी कोशिश करते हैं तब भी आपको इग्नोर कर दिया जाता है। आपकी भावनाओं और जरूरतों की वैल्यू ही नहीं की जाती हैं।

इमोशनल सपोर्ट नहीं मिलता है

किसी भी रिलेशनशिप की सबसे बड़ी खासियत यही होती है कि पार्टनर आपके साथ खड़ा है। उसे यह फर्क नहीं पड़ता कि आप किस स्थिति में हैं ब्लकि वो आपको हर समय भावनात्मक तौर से साथ (Emotional Support) देने के लिए तैयार रहता है। जब रिश्ता एक तरफा होता है तब सिर्फ एक ही व्यक्ति उसे रिश्ते को निभा रहा होता है और यह बात अलग होती है। आपको इमोशनल सपोर्ट नहीं मिलता है जैसे आपके साथ कभी बात ना करना, आपकी बातों में में ध्यान न देना और आपके साथ कभी प्यार से बैठ कर बात नहीं करना आदि।

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आपका निरादर करना

एक तरफ रिलेशनशिप में आपको बार-बार बेइज्जत किया जाएगा। आपकी गलतियां निकाली जाएंगी जबकि आपकी गलत नहीं होंगे। आपको हमेशा अपने बारे में ही बुरा महसूस करवाया जाएगा. इससे आपकी भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। आप खुद में कमियां निकलने लगा सकते हैं। इसके साथ ही आप बार-बार उनसे माफ़ी मांगेंगे क्योंकि आपको लग रहा है कि आप गलत है तो ऐसा रिश्ता आपके लिए बहुत ज्यादा एग्जास्टिंग हो सकता है।

इन सब के अलावा पार्टनर की तरफ आपको कंट्रोल करने की कोशिश की जा सकती है। आपको मैनिपुलेट किया जा सकता है। आपको हर बात के लिए दोषी माना जा सकता है। आपको कभी समझने की कोशिश नहीं की जाएगी। अगर आपको भी लगता है कि आप ऐसे रिश्ते में से गुजर रहे हैं तो आपको उसे रिश्ते को छोड़ देना चाहिए क्योंकि आप इससे बेहतर की हकदार हैं।

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