Relationship: प्यार और अट्रैक्शन में कैसे फ़र्क समझें?

अट्रैक्शन का मतलब होता है ऐसी भावना जो शारीरिक या मानसिक रूप से किसी के प्रति आकर्षित करती है। यह आकर्षण कहीं कर्म से उत्पन्न हो सकता है जैसे कि बाहरी रूप या फिर उनके साथ बिताए पलों के कारण वहीं प्यार गहरी भावना होती है जो समय के साथ बढ़ती जाती है।

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Sneha yadav
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UnderstandingDifferenceBetweenLoveandAttraction: अगर हम किसी व्यक्ति के प्रति आकर्षित हो जाते हैं तो कभी-कभी हमें लगने लगता हैं कि जो हमारे मन में फीलिंग है वह प्यार है। पर हमें यह समझना जरूरी है कि प्यार और अट्रैक्शन दोनों अलग चीज होती है जिन्हें पहचान और समझना बहुत जरूरी है। अट्रैक्शन का मतलब होता है ऐसी भावना जो शारीरिक या मानसिक रूप से किसी के प्रति आकर्षित करती है। यह आकर्षण कहीं कर्म से उत्पन्न हो सकता है जैसे कि बाहरी रूप या फिर उनके साथ बिताए हुए कुछ पलों के कारण वहीं प्यार गहरी भावना होती है जो समय के साथ बढ़ती जाती है। इन दोनों के बीच फर्क समझना हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है। तो आइये जानते हैं प्यार और अट्रैक्शन में कैसे फर्क समझें?

प्यार और अट्रैक्शन में 5 फ़र्क

1. मतलब

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अट्रैक्शन एक भावना है जो शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से किसी के प्रति आकर्षण को दर्शाती है। यह व्यक्ति को बहुत जल्दी होता है इसके होने का कारण बाहरी सुंदरता या साथ बताएं पल हो सकते हैं। वही प्यार एक बहुत गहरी भावना है जो व्यक्ति के प्रति गहरा लगाव और लॉयल्टी दर्शाती है। यह समय के साथ विकसित होता है और अगर आपको प्यार है तो किसी प्रकार की भी बाहरी सुंदरता से आपको फर्क नहीं पड़ेगा।

2. स्थिरता 

अट्रैक्शन हमें तुरंत हो सकता है और यह बहुत जल्दी बदल भी सकता है। यह किसी व्यक्ति के पहली नजर, शारीरिक सुंदरता और उनके व्यवहार के आधार पर हो सकती है। वहीं अगर बात करें प्यार की तो यह धीरे-धीरे विकसित होता है और समय के साथ और भी गहरा होते जाता है। प्यार में स्थिरता और गहराई हमेशा होती है जो एक रिश्ते के लिए बहुत जरूरी है।

3. फीलिंग्स

यह जानना जरूरी है कि अट्रैक्शन में फीलिंग कम हो सकती है। इसके होने का कारण बहुत कुछ हो सकते हैं जैसे किसी की मुस्कान या फिर उसकी पर्सनालिटी में कुछ खास बात। वही प्यार में गहरी फिलिंग्स होने के साथ जुड़ाव भी होता है। प्यार में हम एक–दूसरे को समझते हैं और उनके कर्मियों को भी अपनाते हैं। वह जैसे है उन्हें वैसे ही स्वीकार करते हैं। 

4. रिश्ते की प्रकृति

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जब हम किसी से मिलते हैं और एक नया रिश्ता बनाते हैं इस रिश्ते की शुरुआत में या पहले स्टेज में हमें अट्रैक्शन महसूस हो सकता है जिसे हम प्यार मान लेते हैं लेकिन इस रिश्ते में स्थिरता नहीं होती। प्यार एक ऐसा रिश्ता है जिसमें स्थिरता और मजबूत नींव होती है। प्यार के रिश्ते लंबे समय तक कायम रहते हैं और दोनों लोग एक–दूसरे के साथ बहुत खुश भी रहते हैं।

5. लक्ष्य 

अट्रैक्शन का लक्ष्य कुछ समय के लिए संतोष और आनंद पाना होता है। जब हम किसी के प्रति आकर्षित होते हैं तो उनसे बातें करना मिलना अच्छा लगता है पर एक समय पर हम दूसरे व्यक्ति के प्रति आकर्षित हो जाते हैं तो पहले वाले व्यक्ति से दूरी बना लेते हैं। पर प्यार का लक्ष्य एक स्थाई और स्थिर रिश्ते का निर्माण करना होता है जिसमें व्यक्ति एक दूसरे के लिए लॉयल होते हैं और फ्यूचर के बारे में विचार करते हैं। अगर व्यक्ति प्यार में होते हैं तो कोई भी तीसरा व्यक्ति आएं उन्हें उससे कोई भी फर्क नहीं पड़ता।

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