Why Women Are Expected to Endure Toxic In-Laws: अक्सर शादी के बाद महिलाओं की जिंदगी बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाती है क्योंकि उन्हें बहुत बदलाव करने पड़ते हैं। उनकी जिंदगी पहले जैसे नहीं रहती है। उनका घर बदल जाता है और उन्हें पूरी जिंदगी वही पर रहना पड़ता है। ऐसे में अगर ससुराल सपोर्टिव मिल जाए तो यह सब कुछ चैलेंजिंग होने की बजाय आसान हो जाता है। वही पर अगर ससुराल के लोग सिर्फ आपसे ही अपेक्षा करें कि आप खुद को ही एडजस्ट करें तो बहुत मुश्किल हो जाता है। आज हम जानेंगे कि क्यों समाज, ससुराल के टॉक्सिक होने के बावजूद भी महिला को उनके साथ रुकने के लिए मजबूर करता है?
महिलाओं से टॉक्सिक इन-लॉज़ के साथ एडजस्ट करने की अपेक्षा क्यों?
समाजिक ढांचा
हमारे समाज का ढांचा ऐसा है जहां पर महिलाओं को टॉक्सिक ससुराल मिलने पर भी यह अपेक्षा की जाती है कि वो उनके साथ रहें। ऐसा कहा जाता है कि अब तुम्हारी शादी हो गई है। ससुराल वाले चाहे अच्छे हैं या बुरे लेकिन तुम्हें उनके साथ रहना ही पड़ेगा या फिर खुद को एडजस्ट करना ही पड़ेगा। ऐसे में महिला को कितना भी मेंटल टार्चर मिल रहा हो लेकिन इस बात की कोई परवाह नहीं करता है। हर किसी की सहनशक्ति की एक लिमिट होती है लेकिन जब वे लिमिट पार हो जाती है तब चीजों को सहन करना बिल्कुल भी आसान नहीं होता है।
मर्द-प्रधान समाज
हमारा समाज आज भी मर्द-प्रधान है जिसके कारण महिलाओं को ही हमेशा सहन करने के लिए प्रेरित किया जाता है। हमारे समाज में लड़के के परिवार वालों को कभी भी कुछ नहीं कहा जाता है। उनकी गलतियों को भी सही बताया जाता है। वहीं पर लड़की के परिवार को झुकने के लिए कहा जाता है। उन्हें सही होने पर भी चुप रहने के लिए कहा जाता है। उन्हें ही दबाया जाता है या फिर अलग-अलग चीजों की मांग की जाती है। यह भी एक कारण है के महिलाओं को टॉक्सिक ससुराल में रहना पड़ता है।
जज किया जाता है
इसके साथ ही हमारे समाज में एक स्टिग्मा यह भी है कि महिलाओं को इस बात के लिए भी जज किया जाता है कि वे अपने ससुराल वालों के साथ नहीं रहती है। ऐसी महिलाओं को 'घर तोड़ने वाली' कहा जाता है बगैर यह जाने कि ससुराल वाले उनके साथ कैसा व्यवहार करते हैं। ऐसे दबाव के कारण महिलाएं शादी में रहती हैं और सब कुछ सहन करती रहती हैं। इसके साथ बहुत सारी महिलाओं के पास आर्थिक स्वतंत्रता भी नहीं होती है कि वह ऐसे रिश्ते को छोड़कर कहीं अलग रहना शुरू कर दें । उन्हें अपने पति के ऊपर निर्भर रहना पड़ता है और जब पति भी साथ नहीं देता है तो उन्हें ऐसे माहौल में खुद को एडजस्ट करना ही पड़ता है।