Advertisment

Babies Diaper: शोध ने शिशुओं के लिए डिस्पोजेबल डायपर बताया खतरनाक

पेरेंटिंग | शोध : डायपर लगाकर शिशु को छोड़ देना शिशु के स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है। आमतौर पर शिशुओं के डायपर 2 से 3 घंटे के अंतराल में बदल देने चाहिएं। वहीं घर पर डायपर की जगह पर कपड़े का इस्तेमाल करने से भी शिशुओं के स्वास्थ्य को बचाया जा सकता है। 

author-image
Prabha Joshi
New Update
baby diaper

बच्चों के लिए डायपर है खतरनाक

Babies Diaper: अगर आप अपने शिशु के लिए डायपर का इस्तेमाल करती हैं, तो हो जाइए सावधान! दरअसल हालिया शोध में ये सामने आ रहा है कि शिशुओं के लिए डिस्पोजेबल डायपर शिशु के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वो अपने शिशुओं को 24 घंटों डायपर लगाने से बचें और उन्हें खुली हवा में ज्यादा से ज्यादा टहलाएं। इससे उनका विकास भी होगा और किसी तरह की शारीरिक समस्या भी नहीं होगी। 

Advertisment

दरअसल हेल्थशाट्स की मानें तो इस तरह डायपर लगाकर शिशु को छोड़ देना शिशु के स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है। आमतौर पर शिशुओं के डायपर 2 से 3 घंटे के अंतराल में बदल देने चाहिएं। वहीं घर पर डायपर की जगह पर कपड़े का इस्तेमाल करने से भी शिशुओं के स्वास्थ्य को बचाया जा सकता है। motherhood

क्या हो जाती हैं डायपर से बीमारियां 

शिशुओं को डायपर बहुत ज्यादा नुकसान करता है, ऐसे में निम्नलिखित परेशानियां सामने आई हैं :-

Advertisment

बढ़ता है इंफेक्शन 

आपको बता दें कि ज्यादा घंटों तक शिशुओं के डायपर लगाने से उनमें इंफेक्शन की समस्या बढ़ जाती है। दरअसल डायपर लगाने से हर समय चेक न करने से उसमें कीटाणु पनपने लगते हैं जिससे शिशुओं को शरीर के किसी भी अंग में इंफेक्शन की समस्या हो जाती है। ऐसे में जरूरी है डायपर बदलते रहें और समय-समय पर चेक करते रहें। 

हवा में आती है रुकावट 

Advertisment

विशेषज्ञों के अनुसार शिशु का हर समय डायपर लगाना उसके अंगों में हवा का प्रवेश रोक देता है। इससे कई तरह की त्वाचा संबंधी समस्याओँ का न केवल खतरा बढ़ जाता है बल्कि ये शिशु के विकास के लिए भी उपयुक्त नहीं है। ऐसे में जरूरी है शिशु को नंगा ही रहने दिया जाए और उसे खुली स्वच्छ हवा में ज्यादा से ज्यादा रखा जाए। 

रिप्रोडक्टिव आर्गन्स हो सकेत हैं प्रभावित 

कई शोधों में सामने आया है कि शिशु में ज्यादा डायपर का इस्तेमाल उनके रिप्रोडक्टिव आर्गन में कैंसर पैदा कर रहा है। इसमें वृषण कैंसर का नाम मुख्य रूप से सामने आ रहा है। ऐसे में जरूरी है डायपर के स्थान पर कपड़े का प्रयोग करें अगर ज्यादा जरूरी न हो तो। वहीं डायपर लगाएं भी तो समय-समय पर बदल लें। 

Advertisment

इस तरह देखा जा सकता है कि शिशुओं के लिए डायपर सुविधाजनक भले हो लेकिन माता-पिता के लिए आगे खतरे की घंटी बन सकता है। हर माता-पिता अपने शिशु का स्वास्थ्य बेहतर से बेहतर चाहते हैं, ऐसे में शिशुओं में डायपर को लेकर विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

Babies Diaper डायपर शिशुओं
Advertisment