Puberty: 4 बातें माँ को अपनी बेटी से प्यूबर्टी के समय करना ज़रूरी है

पेरेंटिंग : प्यूबर्टी एक ऐसी अवस्था है जब लड़का और लड़की दोनों में ही बदलाव आते हैं शारीरिक और मानसिक भी, जहां मन में बहुत से प्रश्न होते हैं, इसलिए आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे वह चार बातें जो हर मां को अपनी बेटी के किशोरावस्था के समय बताना चाहिए।

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B LIPSA RAGHUNATH
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Mother-daughter Bond

4ThingsYouNeedToTellYourDaughterAfterWhenSheHitsPuberty : प्यूबर्टी या कहे तो किशोरावस्था एक ऐसी अवस्था है जब लड़का और लड़की दोनों में ही बहुत से बदलाव आते हैं शारीरिक और मानसिक भी, जहां मन में बहुत से प्रश्न होते हैं, बहुत बार इन प्रश्नों का उत्तर पाने के लिए पाने के लिए बच्चे इंटरनेट का सहारा लेते हैं, इंटरनेट पर इतने सारे वेबसाइट पर कौन सा वेबसाइट सही है इसे ढूंढने बहुत ही मुश्किल है इसलिए हमेशा हमें अपने प्रश्न किसी अनुभवी इंसान से पूछना चाहिए जो उस दौर से पहले भी गुजर चुका हो, इसलिए आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे वह चार बातें जो हर मां को अपनी बेटी के किशोरावस्था के समय बताना चाहिए।

4 बाते जो माँ को अपनी बेटी से प्यूबर्टी के समय करना ज़रूरी है 

1. शारीरिक बदलाव नॉर्मल है 

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इस अवस्था में आकर आवास का बदलना और शारीरिक बदलाव होना बहुत आम बात है, पर इसको कहीं ना कहीं समझना बहुत ही मुश्किल इसलिए हर एक मां को अपनी बेटी को यह बातें जरूर बताना चाहिए कि कैसे शारीरिक बदलाव बहुत आम सी बात है।

2. पीरियड्स को मैनेज करना सिखाये 

पीरियड्स के बारे में और पीरियड्स के समय क्या करना चाहिए ये कुछ बहुत जरूरी बातें है जो हर लड़की को पता होना चाहिए,जेसे उस समय कौन सा खाना उनके लिए लाभदायक होगा, और कोन-कोन सी चीज़े उनकी सहायता कर सकती है ये सब बताने से उन्हें आगे ज्यादा परेशानी नहीं होगी और वो अपने पीरियड्स के दिनों को आराम से बिता पाएँगी।

3. सेक्स एजुकेशन 

इस उम्र में आकर सेक्स के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ जाती है, एसे में बहुत से माता - पिता इस बात को अनदेखा करना शुरू कर देते हैं, पर ये बच्चों को नकारात्मकता की ओर ले जाता है, इसलिए बच्चों को सेक्स के बारे में बताना, और अच्छी सेक्स एजुकेशन देना बहुत ज़रूरी है।

4. बॉडी इमेज इशू 

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बॉडी इमेज का मतलब है, समाज में एक निर्धारित शारीरिक बनावट को प्रोत्साहन मिलना, और ये सत्य है कि एसी बनावट का सुन्दर होना ज़रूरी नहीं है, पर जब शारीरिक बदलाव होते हैं तब सुन्दर बनावट की चाह के लिए बच्चे के मन में बहुत परेशानी और मन में ईर्ष्या की भावना भी उत्पन्न होती है, जिस वजह से उन्हें इस बारे में बताना बहुत आवश्यक हो जाता है।

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