6 Ways Dads Can Help Breastfeeding Moms: स्तनपान का समय माताओं के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यह एक ऐसा समय है जब माताओं को शारीरिक और मानसिक रूप से देखभाल की आवश्यकता होती है। इस समय में पिता एक बेहद भूमिका निभा सकते हैं। पिता अपनी पत्नी की मदद करके न केवल उनके काम को हल्का बना सकते हैं, बल्कि माताओं का आत्मविश्वास भी बढ़ा सकते हैं।
New Dads: स्तनपान के दौरान पिता कैसे कर सकते हैं माताओं की मदद? जानें 6 तरीके
1. बिना कहे डायपर बदलना
जब माँ बच्चे को स्तनपान करा रही होती है, तब पिता का बिना कहे बच्चे का डायपर बदलना बहुत मददगार हो सकता है। यह माँ को आराम का समय देता है और वह थोड़ी देर के लिए आराम कर सकती हैं। इससे माँ का तनाव कम होता है और वे स्तनपान में अधिक ध्यान दे पाती हैं।
2. बच्चे को बर्प करवाना
स्तनपान के दौरान बच्चे को बीच-बीच में बर्प करवाना आवश्यक होता है। पिता इस काम को संभाल सकते हैं, जिससे माँ को थोड़ी राहत मिलती है। बच्चे को सही तरीके से बर्प करवाने से उसके पेट में गैस नहीं बनती और वह आराम से दूध पी सकता है। यह एक महत्वपूर्ण भूमिका है जो पिता निभा सकते हैं।
3. पंप किया हुआ दूध बोतल से पिलाना
पिता, माँ द्वारा पंप किया हुआ दूध बोतल से बच्चे को पिला सकते हैं। यह माँ को थोड़ा आराम और नींद लेने का मौका देता है। रात के समय यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, जब माँ को नींद की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। इससे माँ का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है और वे मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहती हैं।
4. माँ को दूध पिलाते समय खाने-पीने की चीजें देना
जब माँ बच्चे को स्तनपान करा रही होती है, तब पिता उनके लिए पानी, जूस या हल्का खाना ला सकते हैं। स्तनपान कराने से माँ को भूख और प्यास ज्यादा लगती है, इसलिए उनकी पोषण की जरूरतों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। यह माँ को ऊर्जा देता है और वे आराम से स्तनपान करा सकती हैं।
5. माँ को सोने का समय देना
स्तनपान के दौरान माँ को नींद की कमी हो सकती है। पिता बच्चे के साथ जाग सकते हैं और माँ को बीच-बीच में सोने का समय दे सकते हैं। यह माँ के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। अच्छी नींद से माँ का मूड भी अच्छा रहता है और वे बच्चे की देखभाल बेहतर तरीके से कर सकती हैं।
6. घर के काम करना और धैर्य रखना
पिता घर के छोटे-मोटे काम कर सकते हैं, जैसे कि बाजार जाना, खाना बनाना, घर की सफाई करना आदि। इससे माँ को थोड़ा आराम मिलता है और वे बच्चे पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं। पिता को धैर्य रखना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि यह समय दोनों के लिए ही चुनौतीपूर्ण हो सकता है। धैर्य और सहयोग से यह समय आसानी से गुजारा जा सकता है।