7 Things That Push Children Towards Childhood Trauma: बच्चों का मन गीली मिटटी की तरह होता है जो जिसे जो अकार दोगे, वो वैसा ही होगा। यह अकार देने का ज़िम्मा माता पिता का होता है और उनकी प्रजेंस से बच्चों के जीवन और परवरिश पर बहुत असर परता है। कईं बार हम बचपन में तो नहीं पर बड़े होते होते समझते हैं की बचपन में हुई कुछ घटनाए, हमें बड़े होने तक भी ट्रॉमैटिजे कर रखी होती है लेकिन यह गेनेरशनल चाइल्डहुड ट्रॉमा को कैसे रोकें,इससे जानने के लिए पहले यह जाने की क्यों और किन चीज़ों से होता है बच्चों को चाइल्डहुड ट्रॉमा।
7 चीज़ें जो पुश करती है बच्चों को Childhood Trauma के तरफ
1. माता पिता का उनके लिए टाइम ना निकालना
कईं माता पिता ऐसे होते हैं जो की अपने बच्चों को समय नही देते हैं और इसका असर उनके जीवन पर बहुत परता है। वह यही टाइम और वेलिडेशन फिर बहार किसी और में ढूंढने लगते हैं और अक्सर गलत लोगों से मिल जाते हैं।
2. फिजिकल या मेन्टल एब्यूज
किसी बच्चे के साथ बचपन में हुए बहुत ज़्यादा फिजिकल या मेन्टल एब्यूज से वह डरपोक, इंट्रोवर्ट या अग्ग्रेसिव भी हो जातें हैं। उनके सेंस ऑफ़ सिक्योरिटी भी ख़तम हो जाती है और गहरे घाव होजाते हैं उनके मन में।
3. बार बार रिश्तों में बदलाव
घरों में डिवोर्स, दूसरी शादियां और ऐसे बार बार अलग रिश्तों में बदलाव बच्चों पर असर कर जाती है।
4. दूसरों से कंपेयर करना
माँ बाप अक्सर अपने बच्चों को दूसरों से कंपेयर कर देते हैं लेकिन यह एहसास नहीं करते की इससे उनके बच्चों का सेल्फ कॉन्फिडेंस ख़तम हो जाता है और वह बड़ी मुश्किल से प्रेशर को हैंडल कर पते हैं।
5. कोई गहरा मानसिक चोट
बचपन में कोई डरावनी घटना या किसी की मौत से कोप करना, बच्चों को गहरा ट्रॉमा दे देती हैं।
6. इमोशनल सपोर्ट ना मिलना
परिवार वालों से सही इमोशनल सपोर्ट अगर ना मिले तो बच्चे इमोशनली अस्थिर हो जाते हैं।
7. बुलीइंग
बच्चों पर बुलीइंग का बहुत गहरा असर परता है। स्कूल और दोस्तों में अकसर यह हो जाता है बच्चों के साथ और उसपर ध्यान देना बहुत ही ज़रूरी होता है।