How Does Submissive Parenting Affect The Child: समय के साथ साथ अब बच्चों को पालने का तरीका भी अब बहुत बदल गया है। तरह-तरह के वेज़ आ गये हैं पेरेंटिंग के और वो भी उन लोगो के सामने जिन्होंने जीवन अपने बच्चों को पाल पोसकर बड़ा करने में बिता दी। इन्ही कईं सारे तरीकों में एक है सब्मिसिव या फिर परमिसीव पेरेंटिंग। इस तरह के पेरेंटिंग में बच्चों को बहुत ही लाड प्यार तो दिया जाता है, उनकी बात भी सुनी जाती है लेकिन उनके लिए कोई ठोस नियम क़ानून नहीं बनाया जाता जिससे ऐसे पलने वाले बच्चें बहुत ही बदमाश, शरारती और इनडिसिप्लिनड हैं जिनको संभालना मुश्किल हो जाता है।
Submissive Parenting से बच्चे पर कैसा असर पड़ता है?
1. कईं क्षेत्रों में बच्चे का ख़राब परफॉरमेंस
ऐसे बच्चों का कोई ठोस गोल या एम नहीं होता क्यूंकि यह नियम को मानने वाले बच्चों में से नहीं होते हैं। इनके माता-पिता इनको काफी छूठ देकर रखते हैं।
2. ख़राब और गलत डिसीजन लेने की आदत
यह बच्चे के जीवन में एक स्ट्रांग डिसीजन मेकर और स्ट्रिक्ट फिगर वाले के ना होने से बच्चे के निर्णय लेने के क्वालिटी बहुत ही ख़राब होते हैं और उनके प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स भी अच्छे नहीं होते हैं।
3. उनके बिगड़ जाने के चांसेस बढ़ना
ऐसे बच्चे बिना सही गाइडेंस के बिगड़ जाते हैं। बड़े होते होते पर यह गलत संगती में पर जाते हैं और गलत और ख़राब चीज़ों का भी सेवन करने लगते हैं।
4. इमोशनल अंडरस्टैंडिंग कम होता है
ऐसे बच्चों में इमोशनल अंडरस्टैंडिंग की भावना बहुत ही कम मात्रा में होती है। यह दूसरा का दुःख और दर्द कम ही समझने की कोशिश करते हैं।
5. एग्रेसिव होते हैं
ऐसे बच्चें, क्यूंकि अपने इमोशंस से सही तरह डील करना नहीं सीखते हैं अपने सब्मिसिव पेरेंट्स से, ख़ास कर के जब उन्हें कोई प्रिय चीज़ नहीं मिलती, तो वह बहुत ही अग्रेसिव और रुड हो जाते हैं।
6. अपने समय और आदतों को नहीं संभालना
जिन बच्चों को बचपन से ही रूल्स और अच्छे आदतों की परवरिश नहीं दी जाती है, वह कभी भी हदें और सीमाएं नहीं समझते हो। इससे यह बच्चे आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो जाते हैं और गुस्सा या झगड़ा करने लगते हैं।