Bad Habits: बहुत बार माता-पिता बच्चों की बुरी आदतों के प्रति बहुत परेशान हो जाते हैं। माता-पिता को ये समझ में नहीं आता कि वो बच्चों को कैसे समझाएं। बच्चों के लिए बुरी आदतें आगे जाकर समाज में उठने-बैठने में समस्या बन सकती हैं। ऐसे में जरूरी है बच्चों को बचपन से ही उनकी बुरी आदतों के बारे में बताया जाए और समय-समय पर उन्हें समझाया जाए। हो सकता है पहले पहल बच्चे आपकी बात न मानें, लेकिन धीरे-धीरे वे सुधर जाएंंगे।
एक नहीं बच्चों की ऐसी बहुत-सी आदतें होती हैं जो बुरी या खराब होती हैं। बच्चों को अपनी इन आदतों का ज्ञान नहीं होता, बल्कि उन्हें समझाया जाता है। ऐसे समय में बच्चों को प्यार से समझाना और बार-बार आदतों को न दोहराना शामिल हो सकता है।
बच्चों की बुरी आदतें कौन-सी हैंं
बच्चों की बुरी आदतों में शामिल बहुत-सी आदतें हैं, आइए जानें :-
नाक में उंगली डालना
बच्चों की बुरी आदतों में जो एक आदत है वो है उनका नाक में उंगली डालना। बच्चे अक्सर कहीं पर भी किसी भी समय में नाक में उंगली डालते दिख जाएंगे। बहुत से बच्चे तो नाक को खाते हुए भी नजर आ जाते हैं। ये बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है और घिनौना भी होता है। ऐसे में बच्चों को तुरंत टोकें और उन्हें ऐसा न करने के लिए प्रेरित करें।
जबान लड़ाना
बहुत लाड़-प्यार में पलने के चलते बहुत से बच्चों की अपने से बड़ों से जबान लड़ाने की आदत पड़ जाती है। वे कहीं भी किसी से भी जबान लड़ाते दिख जाएंगे। किसी बात में रोका जाए उस पर भी वे आगे जवाब देते दिख जाएंगे। ऐसे में जरूरी है बच्चों को इस बात के प्रति भी सतर्क किया जाए कि वो बड़ों का जवाब ज्यादा से ज्यादा सुनें और उनकी बात मानें।
नाखून चबाना
बहुत से बच्चों की ये बहुत खराब आदत होती है कि वो अपने नाखून चबाते हैं। नाखून चबाने से नाखून बच्चों के पेट में जा सकता है। इससे न केवल इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है बल्कि बच्चे के लिए समाज में भी ये चीज अच्छी नहीं मानी जाती। ऐसे में जरूरी है बच्चों को इस चीज के लिए भी रोकें।
प्राइवेट पार्ट्स छूना
बहुत से बच्चों को अपने प्राइवेट पार्ट्स को छूते हुए देखा जा सकता है। बच्चों को इसकी आदत होती है। ऐसे में जरूरी है बच्चों को इसके प्रति सचेत किया जाए। ये आदत न केवल खराब होती है बल्कि बच्चों के लिए आगे चलकर समस्या भी बन सकती है। ऐेसे में इसके प्रति बच्चों को बचपन से ही समझाएंं।
इन आदतों के अलावा भी बच्चों की बहुत-सी आदतें होती हैं जिन्हें सुधारना माता-पिता या पेरेंट्स का कर्तव्य है। ये सोच लेना कि बच्चा खुद सुधर जाएगा, अच्छा नहीं है। ऐसे में जरूरी है माता-पिता बच्चों को बचपन से ही सुधारें।