Benefits Of Co-Parenting: कोपेरेंटिंग एक ऐसी अरेंजमेंट होती है पेरेंटिंग की जिसमे अलग हो चुके कपल, जो अब एक साथ नहीं रहते लेकिन अपने बच्चे या बच्चों को साथ में ही पालते हैं। तरह तरह के कोपरेंटिंग अर्रेंज्मेंट्स होते हैं जैसे की बच्चा माँ बाप दोनों के साथ रहता है लेकिन माँ बाप के बीच कपल रिलेशनशिप नहीं रहता या हफ्ते में कुछ दिन बच्चा माँ के पास और कुछ दिन बाप के पास रहता है। कोपरेंटिंग के कईं सारे फायदें होते हैं जो बच्चे के लिए बहुत अच्छा होता है। आइये जानें कोपरेंटिंग से आप अपने बच्चे का भला कैसे कर सकते हैं?
Co-Parenting करने से आपके बच्चों को होंगे ये फायदे
1. बच्चें को स्टेबिलिटी मिलती है
जब बच्चा दोनों पेरेंट्स के साथ पलता बढ़ता है, तो बच्चे को एक सेंस ऑफ़ स्टेबिलिटी मिलती है के उसके जीवन में भी दोनों माँ बाप का प्यार है। कोपरेंटिंग से बच्चे को अपने फॅमिली डायनामिक्स में ज़्यादा बदलाव नहीं समझ आता और वो अपने परिवार में सेफ भी महसूस करते हैं।
2. बच्चें को सही इमोशनल सपोर्ट मिलता है
जब बच्चे के जीवन में दोनों माँ बाप का साथ होता है तो वो इमोशनली स्ट्रांग बन पाता है। उसे अपने दोनों पैरेंट से इमोशनल सपोर्ट मिलता है और वो दोनों में से किसी के पास भी इमोशनल कम्फर्ट भी लेने जा सकता है।
3. बेहतर एडजस्ट करते हैं
ऐसा देखा गया है की सिंगल पैरेंट वाले बच्चों के मुकाबले, कोपरेंटिंग वाले बच्चें, डिवोर्स और सेपरेशन से ज़्यादा बेहतर एडजस्ट कर पाते हैं। उनके लिए दोनों माँ बाप का सपोर्ट काफी मदद करता है डाइवोर्स से डील करने में।
4. बच्चें के लिए कनफ्लिक्ट का कम एक्सपोज़र
अक्सर अनहैप्पी शादियों में, बच्चें बीच में पीस जाते हैं अपने माँ बाप के लड़ाइयों में। डिवोर्स में भो कस्टडी के लिए एक दूसरे को लड़ते हुए देखते रहते हैं। इसका प्रभाव उनपर गहरा परता है जो उनके भविष्य पर भी असर करता है। कोपरेंटिंग वाले बच्चें अपने माँ बाप को कम लड़ते देखते हैं और उनका मेन्टल हेल्थ स्वस्थ रहता है।
5. माँ बाप और बच्चे के बीच में गहरा रिश्ता
जब दोनों माँ बाप अपने बच्चे के लाइफ से जुड़े रहते हैं और उसके लिए खड़े रहते हैं तो उन दोनों का अपने बच्चे से बहुत ही गहरा रिश्ता बन जाता है।