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Parents-Child Sleeping: बच्चों और पेरेंट्स के साथ सोने के जानें फायदे

ब्लॉग | पेरेंटिंग: माता पिता का बच्चों को समय देने में एक चीज बच्चों के संग सोना भी आती है। आजकल के समय में बच्चों के थोड़ा बड़े होते ही उनके अपने अलग कमरे हो जाते हैं। माना जाता है कि हर एक की अपनी प्राइवेसी है। लेकिन इसके पीछे बहुत से नुकसान भी हैं।

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Prabha Joshi
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Parents child sleeping

पेरेंट्स का बच्चों के साथ सोने के हैं बहुत फायदे

Parents-Child Sleeping: आजकल की जिंदगी इतनी व्यस्त हो गई है कि माता-पिता बच्चों को कम समय दे पा रहे हैं। माता-पिता बच्चों के साथ कम समय व्यतीत कर पा रहे हैं। माता पिता का बच्चों को समय देने में एक चीज बच्चों के संग सोना भी आती है। पेरेंट्स का बच्चों के साथ सोना बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।

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आजकल के समय में बच्चों के थोड़ा बड़े होते ही उनके अपने अलग कमरे हो जाते हैं। माना जाता है कि हर एक की अपनी प्राइवेसी है। लेकिन इसके पीछे बहुत से नुकसान भी हैं। 

पेरेंट्स का बच्चों को साथ सोने के क्या फायदे हैं 

आइए जानें पेरेंट्स का बच्चों के साथ सोने के फायदों को :-

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आत्मविश्वास जागता है

जब बच्चे अपने माता-पिता के साथ सोते हैं, तब वह अपने को और अपने माता-पिता दोनों को ही ज्यादा अच्छे से समझ पाते हैं। माता पिता के साथ होने से उनमें एक अलग-सा आत्मविश्वास आता है। 

तनाव कम होता है

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बच्चों का माता-पिता के साथ सोने से कई तरह के मानसिक दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं। बच्चों में बचपन में होने वाला गुस्सा, अनावश्यक तनाव और अकेलापन दूर होता है। जब बच्चे अपने माता-पिता के पास होते हैं तो वे आपस में बहुत-सी बातें शेयर करते हैं और सीधा-सीधा उनसे जुड़ते हैं।

रात एक बहु उपयोगी समय

रात एक ऐसा समय होती है जब बच्चे और माता-पिता दोनों ही एक दूसरे को समान अवसर दे सकते हैं। सुबह बच्चों का स्कूल और माता-पिता के नौकरी या कामकाज के चलते एक दूसरे को समय देने का अभाव हो सकता है। लेकिन रात एक ऐसा समय होता है जब हर कोई हर उम्र का किसी को भी वक्त दे सकता है। ऐसे में बच्चों को वक्त देना बहुत उपयोगी हो सकता है। इस तरह बच्चों के साथ सो कर रात का उपयोग किया जा सकता है।

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ज्ञानवर्धक समय

रात में बच्चों के साथ सोने से बच्चों को अच्छी और बुरी बातों दोनों का ज्ञान दिया जा सकता है। बच्चों के साथ उनके अनुभव लिए जा सकते हैं। स्कूल में क्या हुआ, आज क्या हुआ और आज का दिन कैसा रहा जैसे बहुत से विषयों पर चर्चा की जा सकती है। बच्चों के साथ न सोने से इन सब विषयों पर चर्चा का अभाव हो सकता है जो सीधा-सीधा बच्चों के लिए ही नुकसानदायक हो सकता है।

ऐसे में जरूरी है बच्चों को समय दें, उनको अपने से अलग न कर उनको भी अपने साथ सोने दें। जितना ज्यादा आप बच्चे से दूर होंगे, उतना ही ज्यादा आप बच्चे को कम जान सकेंगे और बच्चा भी आपको कम जानेगा। इससे आगे चलकर थोड़ी बहुत दिक्कतें आ सकती हैं।

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