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Children Today: बच्चों को आज करें कल के लिए तैयार

blog | parenting: आज के युग में बच्चों को पहले से ही तैयार करना जरूरी-सा हो गया है। आज बच्चों के बीच में कॉम्पटीशन के बाद भी नौकरीपेशा माता-पिता बच्चों को सावधानी से सफल बना सकते हैं।

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Prabha Joshi
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गर्मियों में बच्चे

बच्चों से बच्चों का बचपन न छीनें

Children Today: आज के युग में जब माता-पिता दोनों नौकरीपेशा हैं ऐसे में बच्चों के लिए जिंदगी थोड़ी-सी संघर्ष भरी हो रही है। आज बच्चे बचपन से कमा रहे हैं। यू कहें कि पहले के बच्चों का बचपन अलग था पर आज के बच्चों का बचपन एकदम अलग है। आज बच्चोंं का बचपन तकनीक से ज्यादा जुड़ गया है। 

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पहले बच्चे अपने बचपन को बाहर खेलकर और दौड़भाग कर व्यतीत करते थे। वहीं आज बच्चों का बचपन थोड़ा सिमट-सा गया है। ऐसे में परेंट्स को चाहिए कि नौकरीपेशा होने के बाद भी बच्चों का पूरा ध्यान रखें। उनके बचपन को न छीनें। बच्चों के थोड़ा बड़ा होने पर कुछ बातों का ध्यान रखें।

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बच्चों को आज के युग में क्या सिखाएं

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आज के युग में बच्चों को युग के साथ जीना सिखाना जरूरी है। ऐसा इसलिए कि बच्चों के बीच भी बहुत कॉम्पटीशन बढ़ रहा है। आइए जानें :-

  • खाना बनाना सिखाएं : लड़का हो चाहें लड़की इस युग में हर किसी को पढ़ाई-नौकरी के लिए बाहर जाना पड़ रहा है। ऐसे में जरूरी है उन्हें खाना-बनाना आए। बाहर की परिस्थिति कब कैसी हो जाए इसके लिए पहले से ही सावधानी जरूरी है। आज खाना बनाना आना पहली जरूरत है।
  • बाहर घुमाने ले जाएं : बच्चों को आगे चलकर बाहर जाना पड़ेगा। उन्हें जिंदगी के किसी-न-किसी मोड़ में अकेले रहना पड़ेगा। ऐसे में जरूरी है उन्हें बाहर घूमने दें और घूमाने ले जाएं। इससे उनको वास्तविक जिंदगी का पता चल सकेगा। 
  • बड़े-बड़े काम कराएं : जब बच्चे थोड़े बड़े हो जाएं तो उन्हें खुद से काम करने के लिए गाइड करें। हर काम उनका आप अपने हाथ में न लें। इससे बच्चों में एक अलग तरह का कॉन्फीडेंस आएगा। आने वाले समय में वो अपना काम खुद हैंडल कर सकेंगे। 
  • रुपए की वैल्यू बताएं : पॉकेट मनी देना अच्छा है पर बच्चों को सेविंग्स के बारे में भी बताएं। उन्हें सेव, शेयर और ऐक्पेंडिचर के कॉन्सेप्ट की जानकारी दें। उन्हें रुपए की वैल्यू बताकर रुपए के खर्च के प्रति अवगत कराएं। 
  • जीवन जीना सिखाएं : बच्चों को जीवन जीना सिखाएं। उन्हें खुद से काम करना सिखाएं। इससे वे जिंदगी को ज्यादा अच्छे से समझ सकेंगे। इसके साथ ही बच्चों को जो परेशानी आएगी वो खुद उसका हल निकाल पाएंगे। इस तरह वे एक अच्छा इंसान बन सकेंगे। 
  • हैल्प करना सिखाएं : बच्चों को हैल्प करने की वैल्यू बताएं। आने वाले समय में ऐसी बहुत-सी परिस्थितियां होती हैं जब हम खुद से उनसे नहीं लड़ पाते हैं। ऐसे में हैल्प का कॉन्सेप्ट काम आता है। बच्चे का दूसरों की हैल्प करना बच्चे के जीवन के लिए लाभप्रद होगा।

इस तरह आप अपने बच्चे को समय रहते आगे की चुनौतियों का सामना करना सिखा सकते हैं। इन बातों का ध्यान रखकर बच्चे के अंदर न केवल कॉन्फीडेंस आएगा बल्कि वो एक सफल इंसान भी बन सकेगा।

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