How And Why Do Children Reflect Their environment: कहते है कि बच्चों का दिमाग गीली मिट्टी की तरह होता है, उसे जो आकार दोगे वो वही बन जायेगा। यही असर उनका परिवेश उनके विकास में करता है। जब एक औरत प्रेग्नेंट होती है तो उससे कहा जाता जाता है कि उसे खुश रहना चाहिए, दुखी नहीं रहना चाहिए और खुशहाल वातावरण में रहना चाहिए क्यूंकि वह उसके बच्चे के लिए अच्छा होगा। माँ के दुखी होने से बच्चे पर असर पड़ता है जो कि अब तक दुनिया में आया भी नहीं होता है। इतना ही गहरा असर होता है बच्चे का अपने परिवेश से। आइये पढ़िए इस ब्लॉग में के क्यों और कैसे बच्चे अपने परिवेश के रिफ्लेक्शन होते हैं।
बच्चे अपने परिवेश का रिफ्लेक्शन होते हैं: जाने क्यों और कैसे
1. परिवार के साथ जुड़ाव
बच्चे अगर अपने परिवार से जुड़े हुए रहते हैं, शुरुआत से ही, तो वह प्यार और पोषण करने वाले छाया में रहता है। उन्हें दयालु और नम्र इंसान बनने की प्रेरणा मिलती है। अपने घर के बड़ो से वो संस्कार सीखता है, बड़ो की इज्जत करना सीखता है और सबसे जरूरी वह सादगी से रहना सीखता है।
2. माता-पिता का एक दूसरे के साथ व्यवहार
बच्चे का सबसे पहला टीचर उसके माँ बाप होते है। बच्चे अपने माता पिता से ही बहुत कुछ सीखता है। उसके माता-पिता का आपस में जैसा रिश्ता होता है उससे बच्चे के व्यावहार और विकास पर बहुत असर परता है इसलिए माता-पिता को एक दूसरे के साथ इज्जत और प्रेम से ही रहना चाहिए। बच्चों का आगे चल कर वही रिश्ता अक्सर अपने पार्टनर्स से बनाने के तरफ झुकाव होता है।
3. स्कूल, शिक्षिका और दोस्ती
बच्चे कैसे स्कूल में जा रहा हैं, वहाँ क्या सीख रहा है कैसे दोस्त बना रहा है, यह सब बहुत ही ज़रूरी होता है। बच्चे स्कूल में और भी घरों से आए बच्चों से मिलते हैं, बात चीत करते है,दोस्त बनाते हैं। वहाँ उनकी सोशल स्किल्स बनतीं हैं और उनके दिमाग का भी विकास होता है। उनको कैसी शिक्षा मिलती है जिसपर उनके भविष्य की नीव रखी जाती है, भविष्य में वह कैसे इंसान बनेंगे यह निर्भर करता है।