How To Involve Children In Household Work: सभी पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़ाई में, खेलकूद में आगे रहे पर उसी के साथ हमें बच्चों को उनकी उम्र अनुसार घर के कामों में भी इंवॉल्व करना चाहिए जिसके बारे में आज हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे-
बच्चों को घर के कामों में कैसे करें इंवॉल्व
बच्चों से भारी भरकम काम कराना गलत बात है पर उनको घर के कामों में इंवॉल्व करने से बच्चों को बहुत सारी चीजें सीखने को मिलती हैं जिससे वह आने वाले फ्यूचर में भी आत्मनिर्भर हो सकते हैं और अकेले सक्षम होकर काम कर सकते हैं इसलिए उन्हें घर के काम में इंवॉल्व करना बहुत ज्यादा जरूरी है आज आर्टिकल में हम आपको बताएंगे की किस तरीके से हम बच्चों को घर के कामों के बारे में सिखा सकते हैं
टीमवर्क
बच्चों के सामने जब सब मिलकर काम करते हैं तो वह बच्चों के मन में भी कुछ काम करने की इच्छा जगाता है जिसमें बच्चे खुद को भी इंवॉल्व करना चाहते हैं इसीलिए हमेशा बच्चों को पहले टीमवर्क में काम करना सिखाए जिससे उन्हें कॉपोरेशन के बारे में पता चले और उनसे काम के बीच ही रिस्पांसिबिलिटी भी शेयर करें जिससे उन्हें सब के साथ काम करने का महत्व पता चले और टीमवर्क की वजह से वह बहुत कुछ सीख पाऐं
एक रूटीन बनाएं
एक रूटीन का महत्व सभी लोगों के जीवन में बहुत होता है इसलिए रेगुलर रूटीन बनाने से बच्चों को काम के बारे में बहुत कुछ पता चलता है क्यों उनको क्या नया करना है और किन चीजों में इंवॉल्व होना है रुटीन बनाने की वजह से वह अपने ऊपर आईटी पॉजिटिव रूप में रिस्पांसिबिलिटी महसूस कर सकते हैं, और पेरेंट्स के साथ इंवॉल्व होकर काम की इच्छा भी जाहिर करेंगे
गेम की तरह समझाएं
बहुत बार होता है कि बच्चों को नॉर्मल चीज समझने में थोड़ी परेशानी होती है वह उन चीजों को भी कॉम्प्लिकेटेड समझने लगते हैं पर जब हम गेम की बात करें तो वही एक तरीका है जिससे बच्चों को हम बहुत चीज समझ सकते हैं इसलिए गेम के तौर पर काम करें और बच्चों को समझाएं जिससे बच्चे खेल में भी काम को कर पाए इसलिए हम गेम को भी एक अच्छे ऑप्शन के तौर पर अपना सकते हैं
उम्र के अनुसार काम कराना
बच्चों को घर के कामों में इंवॉल्व करान से हम उनको आत्मनिर्भर बना सकते हैं पर उनमें भी हमें उन्हें उनके उम्र के अनुसार ही काम कराना चाहिए, जैसे हमेशा बच्चों को अपनी निगरानी में ही किचन में जाने दे, कोई भारी सामान ना उठाने दे और कोई भी जोखिम भरा काम ना करने दे जिससे बच्चों को हानि ना पहुंचे उनको केवल साधारण काम करने दे जो उनको शुरुआती समय में अच्छे से काम सिखा सके और मुश्किल समय में काम आ सके
पॉजिटिव वातावरण बनाएं
हमेशा काम करते वक्त पॉजिटिव वातावरण बनाएं जिससे बच्चों के मन में खुद एक काम करने की भावनाएं आए, यदि हम हमेशा चिड़चिड़ा भाव में काम करेंगे तो बच्चे कभी नहीं चाहेंगे कि वह भी हमारे साथ काम करें इसलिए सबसे पहले बच्चों को हेल्प के बारे में बताना बहुत ज्यादा जरूरी है और पॉजिटिव एटमॉस्फेयर बनाने की भी