Newborns: नवजात शिशु के माता-पिता बनना एक अद्भुत अनुभव होता है, लेकिन साथ ही यह थोड़ा चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है, खासकर जब बात उनके खाने की हो। इन छोटे बच्चों की नाज़ुक ज़रूरतों को पूरा करना और यह सुनिश्चित करना कि उन्हें स्वस्थ रहने के लिए सभी पोषक तत्व मिल रहे हैं, बहुत ज़रूरी है।
नवजात शिशु के लिए 5 पोषण और आहार संबंधी टिप्स
1. सिर्फ स्तनपान को प्राथमिकता दें (छह महीने तक)
स्तन का दूध शिशुओं के लिए सबसे उत्तम और प्राकृतिक भोजन है। इसमें वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल जैसे सभी आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनकी शिशुओं को अपनी वृद्धि और विकास के लिए ज़रूरत होती है। इसके अलावा, माँ के दूध में एंटीबॉडीज़ भी होते हैं जो शिशु को बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) दोनों ही कम से कम छह महीने तक सिर्फ स्तनपान कराने की सलाह देते हैं।
2. फॉर्मूला का प्रयोग (केवल डॉक्टर की सलाह पर)
अगर किसी कारणवश स्तनपान संभव नहीं है, तो डॉक्टर की सलाह पर फॉर्मूला का इस्तेमाल किया जा सकता है। फॉर्मूलों को विशेष रूप से शिशुओं की पोषण संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बनाया जाता है। हालांकि, ध्यान रखें कि फॉर्मूला स्तनपान का पूर्ण विकल्प नहीं हो सकता है।
3. अपने बच्चे के भूख के संकेतों को पहचानें
नवजात शिशुओं को आम तौर पर हर दो से तीन घंटे में, यानी लगभग आठ से बारह बार दूध पिलाने की ज़रूरत होती।लेकिन यह एक सामान्य समय सीमा है। हर बच्चे की भूख अलग-अलग हो सकती है। इसलिए, अपने बच्चे के भूख के संकेतों को समझना सीखें, जैसे कि मुंह खोलना, हाथ-पैर हिलाना, रोना या स्तन की तरफ झुकना।
4. आरामदायक माहौल बनाएं और बॉन्डिंग मज़बूत करें
दूध पिलाना सिर्फ एक शारीरिक ज़रूरत ही नहीं है, बल्कि यह आपके और आपके बच्चे के बीच के भावनात्मक संबंध को मज़बूत करने का भी एक बेहतरीन अवसर है। जब आप दूध पिलाती हैं, तो अपने बच्चे को गोद में आराम से लें, उनसे बात करें, और आँखों का संपर्क बनाएं। इससे उन्हें सुरक्षित और प्यार का एहसास होगा। यह माहौल आपके और आपके बच्चे के बीच के बंधन को मज़बूत करेगा।
5. डॉक्टर से नियमित रूप से सलाह लें
बच्चों के विकास में हर चरण महत्वपूर्ण होता है,और किसी भी तरह की चिंता होने पर डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा होता है। यदि आपको लगता है कि आपका बच्चा पर्याप्त वजन नहीं बढ़ा रहा है, बार-बार थक जाता है, या दूध पीने में परेशानी हो रही।