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बच्चों के साथ बातचीत के लिए माँ बाप ऐसे बनाए सुरक्षित जगह

आजकल के समय में मां-बाप और बच्चों के बीच में कम बातचीत होती जा रही है। आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि कैसे मां-बाप बच्चों के लिए एक सुरक्षित जगह तैयार कर सकते हैं जिसमें दोनों खुलकर बात कर सके। -

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Rajveer Kaur
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आजकल के समय में मां-बाप और बच्चों के बीच में  बातचीत होती जा रही है। आप अपने आसपास देख सकते हैं कि कितने ही बच्चे जो हैं बिना कुछ कहे या बात किए अपनी जान गवा देते हैं। हम अपने आसपास कितनी आत्महत्याओं के केस देखते हैं जो बहुत ही कम उम्र के बच्चों के द्वारा की जाती है।आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि कैसे मां-बाप बच्चों के लिए एक सुरक्षित जगह तैयार कर सकते हैं जिसमें दोनों खुलकर बात कर सके।

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बच्चों के साथ बातचीत के लिए माँ बाप ऐसे बनाए सुरक्षित जगह

मां-बाप और बच्चों के बीच खुलकर बात जरूरी

मां-बाप और बच्चों के बीच कोई भी बैरियर नहीं होना चाहिए। दोनों के बीच खुलकर बात होनी चाहिए क्योंकि इससे संबंध बहुत अच्छे और गहरे होंगे इसके साथ ही बच्चा बहुत ज्यादा फ्री महसूस करेगा। इसके आलावा बच्चा किसी अन्य व्यक्ति के साथ अपनी निजी बातें शेयर नहीं करेगा क्योंकी जब मां-बाप बच्चों के साथ बात नहीं करते तो बच्चे अपनी बातों को किसी के साथ भी शेयर कर देते हैं जो कई बार एक समस्या खड़ी कर देता है।

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कैसे बनाएं सुरक्षित जगह

  • बच्चों के साथ समय बताएं

    आजकल मां-बाप दोनों ही वर्किंग होते हैं जिस कारण वह बच्चों को उतना समय नहीं दे पाते जितना कि उनके लिए पर्याप्त होता है जिस कारण मां-बाप और बच्चों के बीच में एक गैप आ जाता है। इस गैप को खत्म करने के लिए मां-बाप को बच्चों के लिए पर्याप्त समय ढूंढना चाहिए।
  • उनको समझने की कोशिश करें

    कई बार मां-बाप बच्चों को समझते ही नहीं है वह क्या कहना चाहते हैं? जिस कारण भी समस्या पैदा हो जाती है मां-बाप बच्चों को समझे उनको उनके द्वारा कही गई किसी की बात को भी मखौल में मत ले। कई बार क्या होता है कि बात सीरियस होती है लेकिन मां-बाप के द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता जिस कारण कोई भी बड़ी घटना हो सकती है।
  • बच्चों को प्रेशराइज मत कीजिए

    हम बच्चों के ऊपर बहुत ज्यादा प्रेशर डाल देते हैं चाहे पढ़ाई, एक्स्ट्रा एक्टिविटीज का हो या फिर क्लास में फर्स्ट आने का हो  लेकिन ऐसा मत कीजिए। इससे बच्चों की मेंटल हेल्थ को बहुत ज्यादा प्रभावित होती है। बच्चों को उनकी स्पीड से  और उनके इंटरेस्ट के हिसाब से चीजों को करने दीजिए।
  • शारीरिक सेहत के साथ मानसिक सेहत पर ध्यान

    अक्सर ही मां-बाप बच्चों की शारीरिक सेहत पर तो ध्यान दे देते हैं लेकिन मानसिक सेहत पर कोई ध्यान ही नहीं देता। इस पर कोई बात ही नहीं करना चाहता लेकिन बच्चों की मानसिक सेहत पर भी ध्यान दीजिए। आप देखिए कि उनको किसी चीज का तनाव या डिप्रेशन तो नहीं है अगर है तो उन्हें मेडिकल हेल्प जरुर लेकर दें।
  • अपना प्यार दिखाएं

    कई बार मां-बाप अपना प्यार बच्चों को शो ही नहीं करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर हम ज्यादा प्यार करेंगे या उनके साथ स्ट्रिक्ट नहीं होंगे तो बच्चे बिगड़ जाएंगे। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है बच्चों को अपना प्यार दिखाइए उनके साथ मूवी देखने जाइए, शॉपिंग कीजिए, उनके साथ बैठकर बातें कीजिए, प्रकृति में समय बताइए और उनका उनकी केयर कीजिए। इससे बच्चे का झुकाव आपकी तरफ होने लगेगा।
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