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क्या लड़कियों को लड़कों जैसी परवरिश देनी चाहिए?

विश्वभर में देखा गया है कि माँ-बाप अपनी बेटियों को अपने बेटों जितना पढ़ा लिखाते हैं लेकिन जहाँ बात व्यावहारिक ज्ञान देने की आती है वो कहीं न कहीं भेद-भाव कर ही देते हैं।

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STP Hindi Team
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Should The Upbringing Of A Boy And A Girl Be The Same: विश्वभर में देखा गया है कि माँ-बाप अपनी बेटियों को अपने बेटों जितना पढ़ा लिखाते हैं लेकिन जहाँ बात व्यावहारिक ज्ञान देने की आती है वो कहीं न कहीं भेद-भाव कर ही देते हैं। जब लड़कियाँ हर वो चीज कर सकती हैं जो लड़के, तो क्या उनकी परवरिश में ये अलगाव होना चाहिए? 

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क्या लड़कियों को लड़कों जैसी परवरिश देनी चाहिए?

1. घर के काम दोनों से करवाएं

अगर आपके बेटे को घर से बाहर रहना पड़े तो उसे खाना बनाने से लेकर घर की सफाई तक सारे काम करने ही पड़ेंगे। इसलिए साफ-सफाई, कपड़े धोना और खाना बनाने को केवल महिलाओं का काम न बनाएं, यह एक जरूरी लाइफ-स्किल है जो सबको आनि चाहिए। इस अभ्यास से हम एक काबिल समाज को खड़ा कर पायेंगे। 

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2. बाहर के काम भी दोनो से करवाएं

अपने बेटे और बेटियों को ऐसी शिक्षा दीजिए कि वो बाहर जाते समय अपने विवेक का इस्तमाल करें। चाहे वो दुकान से कुछ सामान लाना हो या बैंक में चेक जमा करना हो, हर तरह के बाहरी काम अपने दोनो ही बच्चों से करवाएं, क्योंकि कभी न कभी आपके बच्चों को जीवन में अकेला रहना ही पड़ेगा। इसलिए चाहे बेटी हो या बेटा, दोनो को आत्मनिर्भर जरूर बनाना है। 

3. कोई न कोई वाहन चलाना जरूर सिखाएं

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गाड़ी चलाना एक जरूरी स्किल बन चुकी है, लेकिन समाज में यह भ्रांति है कि लड़कियां गाड़ी नहीं चला सकतीं। अपनी बेटी को कार या कोई भी अन्य वाहन चलाना सिखाएं, ताकि जब भी घर के किसी भी सदस्य को कहीं जाना हो तो आपकी बेटी आपके काम आ सके। 

4 शरीर में हो रहे बदलाव के बारे में बात करें

जैसे ही आपके बच्चे टीनेजर की अवस्था को प्राप्त होते हैं, उनके शरीर में अनेक हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिनमें से लड़कियों को पीरियड्स आना, स्तनों का विकास होना, और लड़कों की आवाज़ बदलना, दाढ़ी-मूंछें आना स्वाभाविक है। इन परिवर्तनों पर अपने बच्चों के साथ चर्चा करें। ऐसा करके आप अपने बच्चों को समाज के संवेदनशील नागरिक बना देंगे। 

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5. भेद-भाव मिटायें

भेद-भाव की शुरुआत होती है बचपन में दिए गए तौफ़ों से- लड़की है तो गुड़िया, लड़का है तो टौए कार, लड़की है तो किचन सेट, लड़का है तो डॉक्टर सेट, लड़की है तो घर के काम, लड़का है तो बाहर के काम। इस भेद-भाव को ख़त्म करें और दोनों बच्चों को समान उपहार देने से पहले उनकी रुचि को समझे।

क्या लड़कियों को लड़कों जैसी परवरिश देनी चाहिए? इस सवाल का जवाब है “हाँ” क्योंकि लड़कियाँ वह सब कर सकती हैं जो एक लड़का कर सकता है, बशर्ते उन्हें सही परवरिश दी जाए।

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