Signs Of Struggling In School: कई बच्चों को स्कूल में अपने मित्रों और शिक्षकों के साथ बहुत अच्छा समय बिताने का अनुभव होता है, जबकि कुछ को स्कूल में अनुभव किए जाने वाले प्रेसर और स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है। यह जरूरी है कि हम स्कूली जीवन के इन मुश्किल समय में बच्चों का साथ दें, उन्हें सहायता और समर्थन प्रदान करें और उनकी स्थिति को समझें। साथ ही, हमें उन्हें सकारात्मक सोचने और स्थितियों का सामना करने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि वे स्वयं को बेहतर बनाने में सफल हो सकें।
School Life: क्या स्कूल है बच्चे के बदले व्यवहार का कारण, आइये समझते हैं
1. ग्रेड्स में कमी
बच्चे के स्कूल में ग्रेड्स कम होना एक परेशानी हो सकती है। इसका कारण जैसे कि पढ़ने में मुश्किलें, कंपीटीटीव प्रेशर या व्यक्तिगत समस्याएं। इसके लिए बच्चे के स्कूली और घरेलू माहौल को समझना महत्वपूर्ण होता है, ताकि उन्हें आवश्यक सहायता और समर्थन प्राप्त हो सके।
2. चिड़चिड़ापन बढ़ना
स्कूल की परेशानियाँ बच्चे को चिड़चिड़ा बना सकती हैं। यह सामाजिक, शैक्षिक या व्यक्तिगत मामलों से संबंधित हो सकती हैं। कई बार बच्चों को स्कूल में दोस्तों के साथ झगड़े, पढ़ने में कठिनाई या टीचर्स या साथ पढ़ने वाले बच्चों के साथ मन मुटाव की स्थितियों से गुजरना पड़ सकता है, जो उन्हें चिड़चिड़ा बना सकता है।
3. सीखने की इच्छा पर असर
यदि बच्चा स्कूल में किसी समस्या का सामना कर रहा है, जैसे कि अन्य चीजों की ओर खींचना, तो उसका मन उसी में लगा रहता है। इसका परिणाम होता है कि वह अपने स्टडी और अन्य जरूरी गतिविधियों में पूरा ध्यान नहीं दे पाता है।
4. शारीरिक कठिनाई
यदि बच्चा स्कूल में किसी प्रकार की स्ट्रेस या चिंता का सामना कर रहा है, तो यह उसकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। चिंता और स्ट्रेस के कारण बच्चे की नींद, खान-पान और अच्छी शारीरिक गतिविधियों में कमी हो सकती है। यह उनकी इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है और विभिन्न सेहत संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, वजन नियंत्रण और बीमारियों की आदि।
5. होमवर्क करने में प्रोब्लम
होमवर्क करने में परेशानी के कारण, बच्चे अक्सर उन्हें आधा छोड़ देते है। इसके कई कारण हो सकते है जैसे लेसन ठीक से समझ नही आना या पढ़ाई के अलावा दूसरी चीजों में ज्यादा ध्यान जैसे टीवी, वीडियो गेम्स या फोन आदि।
6. फोकस की कमी
यदि उन्हें स्कूली परेशानियों का सामना करना पड़ता है, तो उनके ध्यान में कमी आ सकती है। फोकस की कमी अक्सर पढ़ाई के लिए जबरदस्ती करना या इंटरेस्ट की कमी के कारण आ सकती है।
7. आत्मविश्वास की कमी
स्कूल की परेशानियां जैसे बुलीइंग या हैरेसमेंट या फेल हो जाना बच्चे के मन पर गहरा असर डाल सकते है जिससे उसका आत्मविश्वास कम हो सकता है। वह महसूस कर सकता है कि वह किसी काम को करने के लिए सक्षम नहीं है या उसका कोई समाधान नहीं है।
8. दोस्तों से बात न करना
जब बच्चा स्कूल में परेशानियों का सामना कर रहा होता है, तो उसे आत्मविश्वास की कमी होती है और वह अपने दोस्तों के सामने खुल कर नहीं बोल पाता है। इससे उन्हें अकेलापन की भावना होती है और वे अपने दोस्तों से दूर होने का महसूस कर सकते हैं।