Teach These Things To Make Daughters Self Dependent: हर बेटी के जीवन में उसकी मां की भूमिका सर्वोपरि होती है, क्योंकि हर मां चाहती हैं कि उनकी बेटी का विकास सही तौर पर हो पाएं। इसके लिए वह हर प्रयास करती है, लेकिन इस विकास में बेटियों का आत्मनिर्भर बनना भी बेहद ज़रूरी है। हमेशा से ही बेटियों को बचपन से दूसरों पर आत्मनिर्भर रहना पड़ा है, जो उनके विकास में बाधा उत्पन्न करते हैं, इसलिए हर मां को अपनी बेटियों को शिक्षित करने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भी बनाना होगा। साथ ही कुछ मौलिक बातों को सीखना भी ज़रूरी होता है, ताकि वो अपने जीवन में आएं हर चुनौतियों का सामना डटकर कर सकें।
बेटियों को सेल्फ डिपेंडेंट बनाने के लिए जरूर सिखाएं ये 5 बातें
1. खुद की देखभाल करना सिखाएं
हर मां अपनी बेटी का ख्याल रखती है, लेकिन आपको अपनी बेटी को यह भी बतानी चाहिए कि वो खुद का ख्याल कैसे रखें, क्योंकि यदि वो खुद का ख्याल रखेंगी तभी जाकर वो सेल्फ इंडिपेंडेंट बन पाएंगी और अपनी जिम्मेदारियां को समझ उसे खुद से पूरा करने का प्रयास करेंगी। साथ ही अपने खुशियों को प्राथमिकता दे पाएंगी।
2. अधिकारों के बारे में बताएं
बेटियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि हमेशा से ही बेटियों, बहुओं के अधिकारों को समाज द्वारा दबाने का प्रयास किया गया है। जिसका नतीजन, उनका विकास नहीं हो पाता है और वो चहारदीवारी तक ही सीमित रह जाती है। ऐसे में अधिकारों को जानकर वो अपने खिलाफ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा पाएंगी और अपने अधिकार को पाने के लिए लड़ेंगी।
3. खुद का फैसला लेना सिखाएं
आपको अपनी बेटी को बताना चाहिए को वो अपने सारे व्यक्तिगत फैसले खुद लें। तभी जाकर कोई उन पर अपना दबाव नहीं दिखा पाएगा। साथ ही स्वयं द्वारा लिए गए फैसले से वो किसी भी अन्य व्यक्ति पर डिपेंड नहीं रहेंगी, जो उनके आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा। तभी जाकर वो अपने जीवन के सारे महत्वपूर्ण फैसला ले पाएंगी।
4. ना कहना सिखाएं
बेटियों को ना कहना जरूर सीखाना चाहिए, क्योंकि हमेशा से बेटियों को एडजस्ट करना सिखाया जाता है। जिस कारण वो अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना करती है और आवाज उठाने से डरती है, इसलिए आप बचपन से अपनी बेटी को ना कहना सिखाएं। उन्हें बताएं कि अन्याय सहना कितना गलत होता है।
5. कंफर्ट जोन से बाहर निकलना सिखाएं
हर बेटी आत्मनिर्भर तभी बन पाएंगी जब वो खुद को कंफर्ट जोन से बाहर निकालेंगी, इसलिए आप उन्हें हर चीज के लिए प्रोत्साहित करें। जिससे उन्हें डर व घबराहट की भावना उत्पन्न होती है। इसके लिए ज़रूरी है कि वो अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें, तभी जाकर वो हर कार्य करने में सक्षम हो पाएंगी।