What If Your Kid Is A Book Worm? : बुक वॉर्म या किताबी कीड़ा वो इंसान होता है जो किताबों और सिर्फ़ किताबों से प्यार करता है और इन्हीं से घिरा रहता है। उन्हें सिर्फ़ किताबें इकट्ठा करना ही अच्छा लगता है।
क्या करें अगर आपका बच्चा है किताबी कीड़ा?
यह भी सच है किताबों से हमारा और बच्चों का ज्ञान बढ़ता है लेकिन पूरी दुनिया भूल कर सिर्फ़ किताबों में लगे रहना बच्चों की फ़िज़िकल सेहत और पर्सनैलिटी के लिए अच्छा नहीं होता।
बुक वॉर्म के कुछ लक्षण
- जब भी आप अपने बच्चे को देखें तो किताबों से घिरा हुआ पाएँ तो आपका बच्चा किताबी कीड़ा बन चुका है।
- आपका बच्चा शायद किसी शब्द का उच्चारण सही से ना कर पाये लेकिन उनकी वोकैब्युलेरी विशाल होती है।
- चलते-फिरते, सोते-जागते और खाते-पीते वे सिर्फ़ एक ही काम करेंगे, बुक रीडिंग।
- बाहर जाकर खेलने से ज़्यादा इंजॉयेबल उन्हें किताब पढ़ना लगता है।
- रात के समय भी वे ख़ुद को किताबें पढ़ने से नहीं रोक पाते।
कैसे रोक सकते हैं?
आइए जानते हैं बच्चों को किताबों से कुछ समय के लिए डिस्ट्रक्ट करने के कुछ तरीके।
बाहर जाने के लिए प्रेरित करें
अपने बच्चे को घर से बाहर जाकर कुछ समय बिताने के लिये प्रेरित करना होगा। घर के बाहर की ताज़ी हवा और नेचर के साथ समय बिताने के सेहत के लिए फ़ायदे उन्हें बताएँ।
पज़ल्स करवायें सोल्व
उन्हें कुछ पज़ल्स देकर इन्हें सोल्व करने के लिये कहें इससे उनका ध्यान किताबों से भटकेगा। वे किसी और चीज़ के बारे में सोच पायेंगे और दूसरी ऐक्टिविटीज़ करने के लिये प्रेरित होंगे।
सोशल होने में करें मदद
अपने बच्चे को सोशल होने में मदद करें। जानें की कहीं आपका बच्चा इंट्रोवर्ट है तो उनके फ़्रेंड्स को इन्वाइट कर सकते हैं। उनका मेलज़ोल बढ़ायें और बातचीत करने का मौक़ा दें।
ख़ुद भी उनसे बातें करें
अपने बच्चे को आप भी टाइम दें। उन्हें अपने साथ बातों में लगायें। उनकी पसंद, नापसंद में दिलचस्पी लें। उनकी फेवरेट बुक्स के बारे में बात करें। इससे आपको उनके बारे में ज़्यादा पता चलेगा और वे भी बुक्स से थोड़ी ब्रेक ले पाएँगे।
समझाएँ फिजिकल एक्टिविटी के फ़ायदे
उन्हें ज़्यादा खेलने की लिए प्रेरित करें। पूरा दिन अंदर बैठे रहने के नुक़सान और खेल-कूद करने के फ़ायदे बतायें। उन्हें उनके इंटरेस्ट कि कुछ गेम्स सजेस्ट करें और उनके खेलने का समय निश्चित करें।
बुक्स पढ़ने से जो हमें ज्ञान मिलता है वो ज्ञान बच्चों के लिए ज़रूरी तो है लेकिन बाहर की दुनिया में घुलने मिलने से बच्चों को पर्सनेलिटी और कम्युनिकेशन स्किल्स डेवलोप करने का मौक़ा मिलता है।