What Is Childhood Trauma: आपने मूवी, सीरीज़ और इंटरव्यू आदि में चाइल्डहुड ट्रॉमा के बारे में अक्सर सुना होगा। अक्सर लोग बताते हैं कि उनकी यह कुछ आदतें या हरकतें उनके चाइल्डहुड ट्रॉमा की वजह से हैं। वह अब तक उससे बाहर नहीं आ पाए। ऐसा भी सुना होगा कि हमारी कई सारी आदतें चाइल्डहुड ट्रॉमा के कारण ही एक अलग रूप ले लेती हैं। आइये जानते हैं यह चाइल्डहुड ड्रामा आखिर है क्या?
क्या होता है Childhood Trauma?
चाइल्डहुड ट्रॉमा यानी की बचपन की कुछ ऐसी मेमोरीज या यादें जो की कहीं ना कहीं अंदर से एक व्यक्ति को झंझोल कर रख दें। उन्हें मजबूर कर दे एक अलग प्रकार की धारणा रखने पर या उन्हें अंदर से बदल दे।
किन चीजों से होता है चाइल्डहुड ट्रॉमा?
आपने अक्सर घरों में देखा होगा कि माता-पिता किसी एक बच्चे को बहुत अधिक या फिर किसी एक बच्चे को बहुत कम प्यार देते हैं। कई बार यह उनके कई सारी आदतों या फिर पढ़ाई-लिखाई में कम ध्यान होने के कारण भी होता है।
बच्चों की बातों को अनदेखा करना, उनके साथ कोई गलत बात हुई जिनके बारे में कभी आपको पता ही ना चला। कई बार पेरेंट्स का बिहेवियर भी बच्चों में एक ट्रॉमा कर सकता है जो कि आगे चलकर कहीं ना कहीं उनके बिहेवियर में झलकता है।
अगर आपके घर में भी होती है यह आदतें तो पॉसिबिलिटी है कि आपके बच्चे को भी हो रहा है चाइल्डहुड ट्रॉमा?
यदि माता-पिता के बीच में अक्सर लड़ाइयां होती हैं या फिर किसी भी प्रकार का वायलेंस घर में देखा जाता है तो यह बच्चों पर बात कही ज्यादा बुरा असर डालता है। घर में दो भाई-बहनों के बीच किसी एक को अधिक प्यार और किसी एक को कम प्यार देना भी बच्चों में चाइल्डहुड ट्रॉमा का रूप ले सकता है।
कई बार बचपन में हुआ सेक्सुअल एब्यूज भी चाइल्डहुड ट्रॉमा का रूप ले सकता है। बचपन की छोटी-छोटी सफलता को पेरेंट्स के द्वारा इग्नोर कर देना भी कई बार बच्चों के मन में घर कर लेता है। ऐसी कई सारी आदत होती है जो की माता-पिता के दौरान अच्छी कर दी जाती हैं मगर इन सभी बातों का बच्चों के ऊपर गहरा असर होता है जो कि बड़े होने के बाद भी नहीं जाता।
कैसे जानें कि कहीं आपके बच्चे को कोई चाइल्डहुड ट्रामा तो नहीं हो रहा?
यदि आपके बच्चे भी घर में कई बार अकेले रहना पसंद करते हैं बाकी भाई बहन के साथ खुलने मिलना पसंद नहीं करते या फिर अपनी बातें शेयर करने से हिचकी चाहते हैं तो यह जानने की कहीं ना कहीं उनके मन में किसी बात को लेकर के तकलीफ या समस्या हो सकती है।
अपने बच्चों के दोस्त बनकर यह सब बातें उनसे जानना बहुत आवश्यक होता है क्योंकि कई बार पेरेंट्स के बार-बार डांटना या हर बात पर कड़ाई करने से भी बच्चों को लगता है कि उन्हें अनदेखा किया जा रहा है जो कि उनके दिमाग पर असर डालता है।