स्किनकेयर का मतलब केवल महंगे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल नहीं होता। यह एक संपूर्ण दृष्टिकोण है, जो न केवल हमारी त्वचा, बल्कि हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। हाल ही में, डॉ. जयश्री शरद ने "RuleBreaker: The Shaili Chopra Show" में स्किनकेयर से जुड़ी कई सामान्य भ्रांतियों को दूर किया और उम्र बढ़ने के साथ होने वाले बदलावों पर महत्वपूर्ण टिप्स साझा की। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे लाइफस्टाइल और मानसिक स्वास्थ्य हमारी त्वचा को प्रभावित करते हैं और हमें अपने स्किनकेयर रूटीन को कैसे बदलने की आवश्यकता है।
स्किनकेयर सिर्फ प्रोडक्ट्स तक सीमित नहीं: डॉ. जैश्री शारद की सलाह से जानें सही देखभाल
मिडलाइफ और स्किनकेयर: एक नई सोच
डॉ. शरद ने मिडलाइफ को आत्म-देखभाल के नए शुरुआत के रूप में बताया। जहां पहले के सालों में काम, परिवार और जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाना मुश्किल था, वहीं आजकल लोग अपनी त्वचा और खुद के प्रति प्यार दिखाने के महत्व को समझते हैं। उन्होंने बताया कि स्किनकेयर रूटीन आत्म-प्रेम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पहले जहां लोग त्वचा के मेडिकल समस्याओं जैसे एक्जिमा या एक्ने के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट से मिलते थे, वहीं अब लोग चमकदार और स्वस्थ त्वचा के लिए इलाज करवा रहे हैं।
स्वस्थ त्वचा की परिभाषा
डॉ. शरद के अनुसार, स्वस्थ त्वचा का मतलब सिर्फ गोरेपन से नहीं है। यह त्वचा की स्पष्टता, हाइड्रेशन, और समान रंगत पर आधारित है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि त्वचा के रोमछिद्र एक स्वाभाविक हिस्सा होते हैं, लेकिन उम्र, तनाव और प्रदूषण के कारण इनके आकार में बदलाव हो सकता है।
"यह फ़्लावलेस त्वचा के बारे में नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि जब रोशनी आपकी त्वचा पर पड़े, तो वह स्वाभाविक रूप से परावर्तित हो," उन्होंने कहा।
त्वचा में उम्र बढ़ने का विज्ञान और कोलेजन का टूटना
डॉ. शरद ने विस्तार से बताया कि कैसे उम्र बढ़ने, प्रदूषण, खराब आहार और तनाव के कारण कोलेजन और इलास्टिन (त्वचा की मजबूती के लिए जिम्मेदार प्रोटीन) समय के साथ टूटते हैं। उन्होंने बताया कि धूम्रपान, शराब, चीनी और नींद की कमी कोलेजन के टूटने को तेज करते हैं, जिससे जल्दी उम्र बढ़ने के लक्षण दिखाई देते हैं।
"अगर आप एक दिन 10 बजे सोते हैं, अगले दिन आधी रात को और तीसरे दिन 2 बजे, तो यह आपके शरीर और हार्मोन को भ्रमित कर देता है, जो त्वचा के मरम्मत की प्रक्रिया को प्रभावित करता है," उन्होंने कहा।
कोलेजन सप्लीमेंट्स: लाभ या केवल प्रचार?
कोलेजन सप्लीमेंट्स के बारे में पूछे जाने पर, डॉ. शरद ने बताया कि हालांकि कोलेजन सप्लीमेंट्स बाजार में हैं, लेकिन उनके शरीर में पूरी तरह से अवशोषित होने के लिए पर्याप्त अध्ययन नहीं किए गए हैं। इसके बजाय, उन्होंने प्रोटीन से भरपूर आहार और अमीनो एसिड सप्लीमेंट्स को बेहतर विकल्प बताया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति मानसिक रूप से कोलेजन सप्लीमेंट्स लेने से संतुष्ट है, तो उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा।
त्वचा और मानसिक स्वास्थ्य का संबंध
सबसे आश्चर्यजनक बात जो डॉ. शरद ने साझा की, वह यह थी कि त्वचा और मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है।
"मैं कहूंगी कि 90% स्किनकेयर मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है," डॉ. शरद ने कहा।
उन्होंने समझाया कि तनाव, अवसाद, और नकारात्मक भावनाएं कोलेजन के टूटने, त्वचा के सुस्त होने और सामान्य त्वचा की समस्याओं में योगदान करती हैं।
आइस वॉटर में चेहरा डुबाना: फायदेमंद या सिर्फ ट्रेंड?
डॉ. शरद ने सोशल मीडिया पर प्रचलित स्किनकेयर हैक्स पर भी चर्चा की। शाइली चोपड़ा ने पूछा कि क्या चेहरे को आइस वॉटर में डुबाना वाकई फायदेमंद है?
"यह सिर्फ एक इंस्टाग्राम ट्रेंड है। थोड़े समय के लिए आइस रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है और सूजन को कम करता है, लेकिन अधिक उपयोग से त्वचा सूख सकती है और नुकसान हो सकता है," उन्होंने स्पष्ट किया।
10-स्टेप स्किनकेयर रूटीन: जरूरी या केवल हाइप?
वर्तमान में बहुत से लोग विस्तृत 10-स्टेप स्किनकेयर रूटीन को फॉलो कर रहे हैं, लेकिन डॉ. शरद ने एक सरल और प्रभावी रूटीन अपनाने की सलाह दी। उनका मानना है कि अधिक स्टेप्स की आवश्यकता नहीं है, बल्कि त्वचा की सही देखभाल में सादगी महत्वपूर्ण है।
मेनोपॉज और त्वचा में बदलाव
मेनोपॉज के समय त्वचा में काफी बदलाव आते हैं, जैसे कि शुष्क त्वचा, बालों का पतला होना, और हाइपरपिग्मेंटेशन। डॉ. शरद ने यह सलाह दी कि मेनोपॉज से पहले ही त्वचा के लिए सही देखभाल शुरू करनी चाहिए।